शनिवार, 4 अप्रैल 2020

भूखे पेट को चाहिए बस 'निवाला'

मदद के लिए उठे हजारों हाथ
रजनीकान्त अवस्थी
रायबरेली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तमाम स्वयंसेवी संस्थाएं गरीबों, असहायों बेघरों की मदद के लिए आगे बढ़ चढ़कर आ रही हैं।  उसी सिलसिले में स्थानीय निवासी रितेश मिश्रा उर्फ सोनू और उनके साथी जर्रार हुसैन प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश और उनके  मित्र गण गरीबों और बेघरों को भोजन और पानी की व्यवस्था में 27 मार्च से लगातार अनवरत सच्ची सेवा भाव से मदद कर रहे हैं।
     आपको बता दें कि, गांव-गांव और पूरे जनपद में जा जाकर जरूरतमंदों को खाने का पैकेट पानी और अन्न की व्यवस्था हृदय से कर रहे हैं। रितेश मिश्रा के अनुसार वे और उनकी टीम तब तक यह कार्य करती रहेगी, जब तक लॉक डाउन रहेगा। रितेश मिश्रा का एक ही उद्देश्य है। गरीबों और जरूरतमंदों को रोटी पहुंचाई जाए। इस कार्य को करने में उनका लगभग 30,000 रुपये प्रतिदिन लगता है। जब संवाददाता ने उनसे पूछा कि, इसकी प्रेरणा आपको कहां से मिलती है, तो उन्होंने बताया कि, वह ना मस्जिद जानता है न शिवाला जानता है ,भूखा पेट केवल निवाला जानता है।


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