मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

भारतीय के लिए आगे आया अमेरिका

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अमेरिका में फंसे भारतीयों की मदद के लिए अमेरिकी सरकार आगे आई है। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) ने वीजा संबंधी समस्याओं से जूझ रहे भारतीयों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही विशेष परिस्थितियों के आधार पर उनके प्रवास को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। हमारे सहयोगी चैनल WION को मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी सरकार भारतीयों से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान देगी या प्रक्रिया को तेज किया जाएगा, ताकि उन्हें जल्द समाधान उपलब्ध कराया जा सके। गौरतलब है कि USCIS वीजा, नागरिकता, कार्य वीजा आदि विषयों को संभालती है और उससे अपेक्षा रखी जाती है कि ऐसी स्थितियों में लोगों को विशेष सहायता प्रदान करे, जो उनके नियंत्रण से बाहर हैं। भारत ने पिछले हफ्ते अमेरिकी सरकार से COVID-19 महामारी के कारण यूएस में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए H-1B और अन्य वीजा की वैधता बढ़ाने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध को अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी को पहुँचाया गया, जिसके अंतर्गत USCIS आता है. अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा ने अमेरिका में चल रहे COVID संकट के कारण व्यक्तियों, नियोक्ताओं की आव्रजन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं। संस्था द्वारा समस्याओं और उनके संभावित समाधानों का विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द संबंधित व्यक्तियों एवं कंपनियों की परेशानी को दूर किया जा सके। USCIS ने इस विषय में लोगों की सिफारिशों पर भी विचार करने की बात कही है। बुधवार को इस संबंध में विदेश सचिव हर्षवर्धन ने अमेरिकी राज्य उप-सचिव स्टीफन ई. बेगुन से बातचीत की थी। विदेश सचिव और अमेरिकी विदेश मंत्री के बीच वार्ता में, दोनों ने COVID-19 महामारी का मुकाबला करने और इसे नियंत्रित करने के तरीकों पर भी चर्चा की। साथ ही कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव और उपचार के विकास में जरूरी चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और बेहतर जानकारी साझा करने पर बातचीत की गई थी। यदि नियोक्ता H1B धारक के अनुबंध को समाप्त कर देता है, तो कर्मचारी को अपने H1B दर्जे को बनाए रखने के लिए 60 दिनों के भीतर नई नौकरी खोजनी होती है, लेकिन अब तक अमेरिकी सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, जिसमें नियोक्ताओं को H1B वीजा धारकों की सेवाएं समाप्त करने के लिए कहा गया हो। अमेरिका में बेरोजगारी की आशंका के बीच यह कहा जा रहा है इसकी सबसे ज्यादा मार H-1B वीजा धारक भारतीयों को उठानी पड़ सकती है और वे किसी बेरोजगारी भत्ते के भी हकदार नहीं होंगे। आपको बता दें कि लगभग 10 मिलियन अमेरिकियों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा, लॉकडाउन के चलते वीजा नवीनीकरण में देरी हो रही है। यह ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिका में H-1B वीजा धारक भारतीय बड़ी संख्या में हैं और COVID-19 महामारी के सामने आने के बाद से अमेरिका और भारत के बीच उच्च स्तरीय पारस्परिक जुड़ाव रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 अप्रैल को संकट का मुकाबला करने के प्रयासों के विषय में बात की थी। इसके बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी 6 अप्रैल को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से विचार-विमर्श किया था। लिहाजा उम्मीद है कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की परेशानियों का जल्द अंत हो जाएगा।


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