शनिवार, 7 मार्च 2020

वसीम ने सभी प्रारूपों से लिया सन्यास

नई दिल्ली। वसीम जाफर ने शनिवार को खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। भारतीय टीम के लिए सलामी बल्लेबाजी का मोर्चा संभाल चुके मुंबई के इस खिलाड़ी ने 41 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कहा।


भारतीय टीम के लिए 2000 में डेब्यू करने वाले जाफर ने 31 टेस्ट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए एक दोहरा शतक, पांच शतक और 11 अर्धशतकों के बूते 1944 रन बनाए थे। 2006 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट जोंस में उन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 212 रन की पारी खेली थी। हालांकि उन्हें सिर्फ दो ही वन-डे में खेलने का मौका मिला। 2008 में आखिरी बार टीम इंडिया के लिए खेलने के बाद वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक्टिव हो गए।


प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन से कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले जाफर का जन्म 16 फरवरी 1978 को मुंबई में हुआ था। दाएं हाथ के इस शानदार बल्लेबाज को डोमेस्टिक इंडियन क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है। करीब दो दशक तक खेलने के बाद भी इस खिलाड़ी के भीतर कभी रन बनाने की भूख खत्म नहीं हुई।
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1996/97 में मुंबई की ओर से अपना करियर शुरू करने वाले वसीम ने 9 दिसंबर 2019 को घरेलू क्रिकेट का सबसे बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया था। 41 साल की उम्र में 2019-20 का सीजन खेलते हुए जाफर 150 रणजी मैच खेलने वाले भारत के पहले और इकलौते क्रिकेटर बने थे। यह कारनामा उन्होंने विदर्भ की ओर से आंध्र के खिलाफ किया था।


इस सूची में उनके बाद सबसे ज्यादा रणजी मैच खेलने का रिकॉर्ड देवेंद्र बुंदेला के नाम है, जबकि अमोल मजूमदार 136 मैचों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। घरेलू क्रिकेट में रिकॉर्ड 40 शतक जडऩे वाले वसीम साल 2018 में रणजी ट्रॉफी के इतिहास में 11000 रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने थे।


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