बुधवार, 18 मार्च 2020

तीन साल बेमिसाल, रहे सब हलकान

प्रदेश में हावी है अफसरशाही, भाजपा निभा सकती है सिर्फ विपक्ष की भूमिका 


जनप्रतिनिधि एक भी बड़ा काम गिनाएं


रुद्रपुर।  पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तिलकराज बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के तीन साल बेमिसाल नहीं, बल्कि जनता को बेहाल करने वाले तीन साल रहे हैं। जनता इन तीन सालों में हलकान रही है। अपनी खोखली उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने वाले सरकार के प्रतिनिधियों को शर्म आनी चाहिए कि प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर त्राहि त्राहि कर रही है।


श्री बेहड़ ने पत्रकार वार्ता करके कहा कि भाजपा के राज में प्रदेश के अन्नदाता किसान की हालत बद से बदतर हो चली है। प्रदेश भर में कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या को मजबूर है। भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में वादा करने के बावजूद किसानों का ऋण माफ नहीं किया। गन्ना किसानों के भुगतान वर्षों बाद भी लंबित हैं। कृषि विकास दर घट कर दो प्रतिशत से भी नीचे आ गई है। श्री बेहड़ ने कहा कि भाजपा ने युवाओं के साथ भी धोखा किया है। युवाओं को भ्रमित कर उनके वोट लेने वाली भाजपा के शासनकाल में बेरोजगारी दर भारत के इतिहास में सबसे भयावह दौर में पहुंच चुकी है। पहाड़ों से पलायन आज भी जारी है, वहीं नोट बंदी और जीएसटी के कारण उद्योग व व्यापार मंद पडऩे के चलते हजारों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। प्रदेश में विकास की राह देखते जनता की आंखें पथरा गई हैं। समझ नहीं आता के सड़क में गड्ढें हैं या गड्ढों में सड़क।   


श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में जीरो टोलरेंस का सरकारी दावा हवा हवाई साबित हुआ है क्योंकि यह सरकार स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त है। एनएच 74 घोटाले में जेल गए अधिकारियों को इसी सरकार ने बहाल किया। प्रदेश में एनआरएचएम घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला इस सरकार की असल मंशा साबित करते हैं। प्रदेश में ट्रांसफर को अवैध कमाई का जरिया बना दिया गया है। बौर जलाशय के उच्चीकरण में भी करोड़ों का गोल माल किया गया है। फारेस्ट गार्ड भरती घोटाला, प्रदेश में हावी नकल माफिया, तीन साल में लोकायुक्त न बन पाना यह दिखाता है कि इस सरकार की कथनी और करनी बिलकुल अलग है। इसके अलावा राज्य में अफसरशाही निरंकुश हो चली है। जनता अपने कामों के लिए दर दर भटक रही है और राज्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं।  


श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार व दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खुद भाजपा के संगठन महामंत्री मी टू में लिप्त पाए गए। भाजपा शासनकाल में मातृशक्ति हाशिये पर व महिला सशक्तिकरण का नारा धूल चाट रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट हो चुकी है। शिक्षा की बदहाली पर उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। शिक्षा सूचकांक के अनुसार अब राज्य दसवें स्थान से फिसल कर देश 14 वें पर आ गया है। राज्य में शिक्षकों की कमी लगातार बनी हुई है। गरीब परिवारों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है और छात्रवृत्ति में भी कमी की जा रही है। सरकार की मंशा इसी से पता लगती है की प्रदेश में शराब सस्ती की गई और मोबाइल वैन चला कर घर घर शराब पहुंचाने का प्रबंध किया गया। कहा जा सकता है के राज्य सरकार भू और खनन माफिया ही नहीं बल्कि शराब माफियाओं के हाथ की भी कठपुतली है। यहीं नहीं बल्कि राज्य सरकार ने रोडवेज किराये तथा बिजली और पानी के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि कर गरीब जनता की कमर तोडऩे का काम किया है।  श्री बेहड़ ने कहा कि भाजपा सरकार ने खाद्यान्न में एपील कार्ड धारकों के लिए गेहूं नौ रुपये किलो और चावल 15 रुपये किलो दाम बढऩे के साथ इनकी मात्र भी घटाई और मिट्टी के तेल व राशन की चीनी की आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी। हालत यह है कि डिपो से सस्ता राशन ही गायब है। श्री बेहड़ ने कहा कि लगता है प्रदेश में जिला विकास प्राधिकरणों का गठन जनता को परेशान करने के लिए किया गया है। गरीब व्यक्ति अपने जीवन भर की कमाई से अपने घर का निर्माण करना चाहता है, लेकिन नियमों की जटिलता के कारण यह काम अब उसके लिए असंभव सा हो गया है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जनता का जबरदस्त उत्पीडऩ हो रहा है। यह सभी प्राधिकरण राज्य सरकार की लूट का अड्डा बन चुके हैं।        


श्री बेहड़ ने कहा की सबसे बड़ी विडंबना तो स्वास्थ्य विभाग के साथ है, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि कई घटनाओं में माताओं बहनों को शौचालय में प्रसव करने को मजबूर होना पड़ा है। समय पर एम्बुलेंस न मिलना, दवाइयों का टोटा, उपचार में देरी, डाक्टरों की कमी अब आम बात हो चली है। पिछले साल स्वास्थ्य क्षेत्र में 2200 करोड़ का बजट होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ है। अटल आयुष्मान योजना की हालात ये है कि निजी अस्पताल इन कार्डों को स्वीकार ही नहीं करते और इस योजना की आड़ में भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि अब समय आ गया है कि जनविरोधी सरकार के खिलाफ  सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाए और इनकी असलियत जनता के सामने लाई जाए।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...