रविवार, 15 मार्च 2020

'राम' किधर है 'रावण' किधर

तो क्या हुआ अपने सिंधिया जी ने तो कांग्रेस ही छोड़ी है लोगों की सेवा के लिए नेता लोग जाने क्या क्या छोड़ देते हैं l घर परिवार यहाँ तक कि पत्नी को भी छोड़ दिया कुछ नेताओं ने, सिंधिया जी ने कौनसा तीर मार दिया ! सिंधिया जी को 2019 में जनता ने वोट न देकर सेवा के अवसर से वंचित कर दिया ! सेवा तो करनी बहुत ही जरूरी थी ना सो कांग्रेस में ना सही बीजेपी में कौन बुराई है ? और हो भी तो पड़ी रहे, उससे सिंधिया जी को क्या लेना देना ! उन्हें तो जो उनको सेवा का मौका देगा वहीँ जाना है l जिसको पेड़ गिनने हैं वो गिनते रहो सिंधिया जी और उनके जैसे नेताओं को तो आम खाने से मतलब है वो जहाँ भी मिलेंगे आम खाएंगे !
सभी को मालूम है कि कुछ लोगों को सेवा करने और आम खाने का शौक खानदानी है जब देश गुलाम था तब भी ये लोग अंग्रेजों की छत्र छाया में आम गटक रहे थे और सेवा में जुटे थे l आदत से लाचार हैं उन्हें आप मजबूर नहीं कर सकते और नाही उनका ये दोष ये तो उनका खानदानी खाशियत है l इसलिए जब तक देश दुनिया रहेगी तब तक ऐसे लोग भी रहेंगे l
पर दाद देनी होगी अपने शिवराज जी को ! वाह शिवराज जी वाह ! आपका भी कोई मुकाबला नहीं अपने शिवराज जी भी ऐसे लोगों को बखूबी पहचान लेते हैं ! तुरंत पहचान ही नहीं लिया वरन बता भी दिया कि विभीषणों/जयचंदों को तो ढूँढना ही पड़ता है ! अब ये कौन उन्हें समझाये कि सारे के सारे जयचंद और विभीषण अगर इक्क्ठा कर लिया तो यह नहीं समझ आएगा कि राम किधर है और रावण किधर ?


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