अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे। अगर आप 21 दिनों के लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा।
कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम इसलिए लोगों को, इसे खत्म करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना होगा। अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 वायरस के कारण सर्वाधिक 453 मौतें हुई।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'आमतौर पर मैं मन की बात में कई विषयों को ले करके आता हूं। लेकिन आज देश के मन में सिर्फ एक ही बात है- ‘कोरोना वैश्विक महामारी’ से आया हुआ भयंकर संकट, ऐसे में मैं कुछ और कहूं वो उचित नहीं होगा। हो सकता है, बहुत से लोग मुझसे नाराज होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, लेकिन भारत को, कोरोना के खिलाफ जीतने के लिए, ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था। मैं फिर एक बार, आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है, इसके लिए क्षमा मांगता हूं।'
मन की बात में बोले पीएम- आपको जो असुविधा, कठिनाई हुई इसके लिए क्षमा मांगता हूं
कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस बार कार्यक्रम में वह कोविड-19 की वजह से देश में उपजी परिस्थितियों को लेकर अपनी बात रख रहे हैं। हिंदी में प्रसारण के तुरंत बाद आकाशवाणी पर 'मन की बात' कार्यक्रम को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा।
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