शुक्रवार, 6 मार्च 2020

आयुर्वेद में उचित सुनिश्चित उपचार

नई दिल्ली । कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच उससे बचाव के तरीकों पर चर्चा शुरू हो गई है। इसी क्रम में आयुर्वेद के डॉक्टरों का दावा है कि इस बीमारी से बचाव और इलाज के लिए आयुर्वेद में विकल्प मौजूद है।


कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले आसानी से आ सकते हैं चपेट में


प्रशांत विहार स्थित आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी पाराशर ने कहा कि बच्चे, बुजुर्ग व ऐसे व्यक्ति जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो, वे आसानी से इस बीमारी के गिरफ्त में आ सकते हैं।


प्रतिरोधक झमता बढ़ाना जरूरी


इससे बचाव के लिए लोग तुलसी, अदरक, लॉंग, काली मिर्च, सौंठ, गिलोय व छोटी पिप्पली को दूध, चाय या पानी में उबालकर दिन में दो-तीन बार ले सकते हैं। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है।



तुलसी, अदरक, लॉंग, काली मिर्च, गिलोय सौंठ, पिप्पली को उबालकर पीने से लाभ


उन्होंने कहा कि दूध में हल्दी, मुनक्का व खजूर उबालकर लेने से भी प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। बच्चों व बुजुर्गों के लिए इनका प्रयोग विशेष रूप से प्रभावी है। गिलोय, संतरा, मौसमी, अंगूर व आंवले का प्रयोग इन दिनों नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। इन दिनों ठंडी तासीर वाले भोजन का परहेज करें। गरम सूप, चाय, दूध या पानी का सेवन लगातार करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं में तालीशादिचूर्ण, सितोपलादि चूर्ण, लक्ष्मी विलास रस, चंद्र अमृत रस, टंकण भस्म, वासावलेह, अगस्त्य हरीतकी आदि दवाओं का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। वहीं एलोपैथ के डॉक्टर कहते हैं कि विटामिन सी लेने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।


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