रविवार, 22 मार्च 2020

आईएमपीसीएल ने किया इलाज का दावा

रानीखेत। भारत में भी कोरोनावायरस की दस्तक से मचे हड़कंप के बीच जहां जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस से बचने का इलाज ढूंढ रहा है, वहीं उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के रामनगर से सटे अल्मोड़ा जिले के मोहान स्थित इंडियन मेडिसिन फार्मा सिटी कल कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी आईएमपीसीएल में कई वर्षों से बन रही तीन दवाओं से कोरोना वायरस का शुरुआत में ही उपचार किये जाने का दावा किया गया है। दावे के अनुसार आईएमपीसीएल में बनने वाली यूनानी दवा ‘त्रियाके नजला’, ‘शर्बते उन्नाब’ और ‘हब्बे बुखार’ के इस्तेमाल से कोरोनावायरस शुरुआती दौर में ही मर जाता है। मध्य प्रदेश सरकार ने आईएमपीसीएल कंपनी से इन दवाओं के लिए बकायदा 35.50 लाख रुपये से अधिक की राशि में तीनों दवाइयों की खेप मांगी है। मध्य प्रदेश सरकार के इस ऑर्डर को इन दवाओं से कोरोना वायरस का उपचार हो पाने की करिश्माई क्षमता से ही जोड़कर देखा जा रहा है।
आईएमपीसीएल के मुख्य प्रबंधक मनजीत सिन्हा ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार से उन्हें एक पत्र मिला है, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार ने उनसे यूनानी दवा ‘त्रियाके नजला’, ‘शर्बते उन्नाब’ और ‘हब्बे बुखार’ मांगी हैं। इन तीनों दवाइयों को आईएमपीसीएल वर्षों से बना रहा है। उनका दावा है कि यह तीनों दवाएं कोरोना वायरस की रोकथाम में बेहद कारगर साबित हो सकती है। मध्य प्रदेश के संचालनालय आयुष की सहायक संचालक डॉ. वंदना बोराना के पत्र के अनुसार इन दवाइयों की मध्य प्रदेश के 28 जिलों की सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों आदि में आपूर्ति की जाएगी तथा कारोना के संदिग्ध पीड़ित व्यक्तियों को यह दवा दी जाएगी। वहीं आईएमपीसीएल फैक्टरी के जनरल मैनेजर पनी राम आर्य ने बताया कि उनके यहां दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं यदि अन्य सरकारें भी उनसे इन दवाइयों की मांग करती हैं तो वह देने को तैयार हैं।


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