रविवार, 23 फ़रवरी 2020

विश्व स्तरीय नई प्रौद्योगिकी विकसित करेंगे

इंग्लैंड। भारतीय रेल ने राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान में बरमिंघम विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त अनुसंधान तथा शिक्षण कार्यक्रम लॉन्च करने की घोषणा कीरेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार यादव तथा बरमिंघम विश्वविद्यालय के चांसलर लॉर्ड करन बिलिमोरिया ने राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) द्वारा अकादमिक वर्ष 2020-21 में रेलवे प्रणाली इंजीनियरिंग तथा एकीकरण विषय में संयुक्त मास्टर्स कार्यक्रम लॉन्च करने की घोषणा की। इस अवसर पर श्री राजेश तिवारी, सदस्य ट्रैकशन तथा रेलवे बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बरमिंघम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर सर डेविड ईस्टवूड तथा विश्वविद्यालय फैकल्टी के सदस्यों के साथ उपस्थित थे।रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार यादव ने कहा कि परिवहन के सभी पहलुओं को देखने के लिए रेलवे विश्वविद्यालय विकसित करने का सपना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का था। पिछले कुछ वर्षों में रेलवे द्वारा अनेक परिवर्तनकारी कार्य किए गए हैं। क्षमता वृद्धि तथा रेलवे के आधुनिकीकरण पर फोकस किया जा रहा है। भारतीय रेल बरमिंघम विश्वविद्यालय के साथ दीर्घकालिक संबंध को लेकर आशान्वित है।वाइस चांसलर सर डेविड ईस्टवूड ने कहा कि बरमिंघम विश्वविद्यालय को भारतीय रेलवे के साथ काम करने में प्रसन्नता है। बरमिंघम विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्ता कार्यक्रमों को प्रदान करने में सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रखता है। उन्होंने भारतीय रेलवे के साथ काम करने का अवसर पाने के लिए आभार व्यक्त किया।


यह कार्यक्रम एम.एससी. की दोहरी डिग्री प्रदान करेगा। एनआरटीआई के विद्यार्थी प्रत्येक संस्थान में एक वर्ष के अध्ययन के बाद दोनों संस्थानों से दो स्नातकोत्तर डिग्रियां प्राप्त करेंगे। यह कार्यक्रम पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट (पीजी सर्ट) के रूप में ऑनलाइन प्रदान किए जाने वाले कार्यक्रम के कुछ मॉड्यूलों में लचीलापन और एनआरटीआई में बरमिंघम विश्वविद्यालय की फैकल्टी द्वारा स्नातक शिक्षण के लिए समर्थन प्रदान करता है। यह कार्यक्रम एनआरटीआई विद्यार्थियों को बरमिंघम सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च एंड एजुकेशन (बीसीआरआरई) में रेलवे प्रणालियों की विश्वस्तरीय विशेषज्ञता तथा सुविधाओं से सम्पर्क प्रदान करके एनआरटीआई विद्यार्थियों को लाभ प्रदान करेगा।यह पहल अगली पीढ़ी की परिवहन प्रणालियों के लिए उत्कृष्टता केन्द्र के अंतर्गत की गई है। यह केन्द्र राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान और बरमिंघम विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन द्वारा 18 दिसंबर, 2019 को स्थापित किया गया।  इससे पहले दिन में बरमिंघम विश्वविद्यालय की फैकल्टी ने ईटीसीएस लेवल 2 सिगनलिंग पर कार्यशाला का संचालन किया। इसमें रेलवे बोर्ड, उत्तरी रेलवे, रेलटेल तथा अन्य क्षेत्रीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो लिंक से शामिल हुए। उत्तर-मध्य रेलवे के झांसी बीना सेक्शन पर ईटीसीएस लेवल 2 के साथ लाइन क्षमता सुधार के विश्लेषण पर अनुसंधान परियोजना में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत यह पहली औपचारिक परियोजना होगी, जो उत्तर-मध्य रेलवे के झांसी बीना सेक्शन की संयुक्त सिगनलिंग और परिचालन आधारित सिमुलेशन बरमिंघम रेलवे सिमुलेशन स्वीट के उपयोग से विकसित करेगी।


      राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान के बारे में


      राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान की स्थापना डीम्ड (मानित) विश्वविद्यालय के रूप में की गई है और यह 2018 से संचालन में है। एनआरटीआई का उद्देश्य विभिन्न विषयों में स्कूल तथा विभागों के अतिरिक्त अंतरविषयी उत्कृष्टता केन्द्र विकसित करना है जो परिवहन क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोगी रूप में कार्य करेंगे। एनआरटीआई की रणनीति का फोकस अग्रणी वैश्विक संस्थानों से पाठ्यक्रम विकास, अनुसंधान परियोजनाएं तथा एक्यूजीटिव शिक्षा कार्यक्रमों पर सहयोग के लिए संस्थागत साझेदारी के माध्यम से पूरे विश्व से श्रेष्ठ विशेषज्ञों को मंगाने पर है। संस्थान के बारे में विस्तृत विवरण www.nrti.edu.in पर उपलब्ध है।


      बरमिंघम विश्वविद्यालय के बारे में


      बरमिंघम विश्वविद्यालय वैश्विक रेल उद्योग को विश्वस्तरीय अनुसंधान, शिक्षा तथा नेतृत्व प्रदान करने के लिए 150 शिक्षाविदों, अनुसंधानकर्ताओं तथा प्रोफेशनल सेवा स्टॉफ के साथ बरमिंघम सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च एंड एजुकेशन (बीसीआरआरई) का घर है। बीसीआरआरई यूरोप में रेलवे अनुसंधान और शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय आधारित सबसे बड़ा केन्द्र है। यह केन्द्र जलवायु परिवर्तन, एयरोडायनामिक्स तथा अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ मानक, विद्युत प्रणालियों तथा ऊर्जा उपयोग, रेलवे नियंत्रण और परिचालन सिमुलेशन में उच्च शिक्षा कार्यक्रम, अनुसंधान और नवाचार के साथ विश्वस्तरीय नई प्रौद्योगिकी विकसित कर रहा है।



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