शिवरीनारायण। माघी पूर्णिमा के अवसर पर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ऐतिहासिक मेला शिवरीनारायण में प्रारंभ हुआ। मठाधीश राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास सुबह 3 बजे महानदी के बाबा घाट में पूर्णिमा स्नान के लिए अपने शुभचिंतकों के साथ पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्णिमा स्नान करके विधिवत् चित्रोत्पला गंगा की पूजा अर्चना की। साथ ही पुष्प, अक्षत, चंदन, लगाकर अगरबत्ती से पूजन के पश्चात दीपदान किया। मठमंदिर पहुंचकर 4 बजे भगवान शिवरीनारायण के दरबार में उपस्थित हुए। 4 बजे भगवान का पट खुला। यहां पुजारियों के द्वारा विधिवत पूजा अर्चना की गई और आरती के पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं ने भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी स्तुति गाकर भगवान की पूजा अर्चना की। इसके बाद भगवान का दर्शन करने भक्तों का तांता लग गया। राजेश्री महन्त महाराज मठ पहुंचे। यहां उन्होंने जगदीश मंदिर की आरती की। आरती के पश्चात लोगों को तुलसी दल एवं भगवान का चरणामृत प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। माघी पूर्णिमा के स्नान के महत्व के बारे में राजेश्री महन्त ने बताया कि सनातन धर्म के अनुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर तीर्थ में स्नान करने की परंपरा रही है लेकिन माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व है। भगवान श्री हरि ने श्रीमद् भगवद् गीता में स्वयं उद्धृत किया है। शिवरीनारायण में साक्षात त्रिवेणी संगम है। इसलिए यहां स्नान का महत्व प्रयागराज में स्नान करने के सामान है। लोगों ने बड़ी संख्या में स्नान किया।
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