मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

तीन लाख लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर दिल्ली में दो बार केंद्रीय मंत्रियों के समूह की बैठक हो चुकी है। भारत में इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अभी तक तीन लाख से अधिक लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसके साथ ही अब भारत सरकार समुद्र के रास्ते आने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष ध्यान दे रही है। कोरोना वायरस का संक्रमण चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था और फिर चीन के 30 अलग अलग राज्यों में फैल गया। चीन में अभी तक वायरस से करीब 1800 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है व 70,000 से अधिक लोग इस संक्रमण से ग्रसित हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “भारत में 2,296 अलग-अलग विमानों से विदेशों से आने वाले यात्रियों की जांच की जा चुकी है। इस दौरान 3,21,375 विमान यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। इसके साथ ही 125 समुद्री जहाजों के 6,387 यात्रियों की भी स्क्रीनिंग की गई है।” स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “देश में अब तक कोरोना वायरस के तीन मामले सामने आए हैं। उनमें भी दो मरीज पूरी तरह से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। देश में कोरोना वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा गठित यह मंत्री समूह देश में कोरोना वायरस की रोकथाम संबंधी तैयारियों, प्रबंधन, समीक्षा और मूल्यांकन कर रहा है। इस मंत्री समूह में डॉ. हर्षवर्धन, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और शिपिंग राज्यमंत्री मनसुख लाल मंडाविया शामिल हैं। मंत्री समूह को दिल्ली स्थित भारत तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) व गुरुग्राम के मानेसर में इंडियन आम्र्ड सर्विसेस द्वारा चलाए जा रहे दो शिविरों की जानकारी भी दी गई है। इन दोनों शिविरों में 645 भारतीयों को रखा गया था। इन सभी भारतीयों को चीन के वुहान प्रांत से सुरक्षित नई दिल्ली लाकर ठहराया गया। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा प्रतिदिन इन सभी ठहराए गए लोगों की जांच की गई। प्रतिदिन की गई इस गहन जांच के बाद इन्हें कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित पाया गया है। स्वास्थ्य जांच में सुरक्षित पाए जाने के बाद इन लोगों को अपने-अपने घर जाने की अनुमति दे दी गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “थर्मल स्क्रीनिंग द्वारा जांच की यह प्रक्रिया अब देश के 21 विभिन्न एयरपोर्ट्स पर की जा रही है। इस समय विभिन्न देशों से आए 15,991 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया है। अभी तक कुल 1,671 लोगों की जांच के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से तीन व्यक्तियों के अलावा सभी कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं।” उन्होंने कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुणे स्थित लैब को कोरोना वायरस की जांच के लिए नोडल सेंटर नियुक्त किया है। फिलहाल देश में 12 विभिन्न स्थानों पर कोरोना वायरस के नमूनों की जांच की जा रही है, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू व हैदराबाद शामिल हैं।” भारतीय छात्रों ने कहा, ‘चीन में हालात बेहद गंभीर’
मानेसर। भारतीय छात्रों ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का केंद्र बन चुके चीन के वुहान प्रांत में स्थिति बेहद गंभीर है। इन 248 छात्रों को चीन से सुरक्षित भारत लाकर सेना के मानेसर शिविर में रखा गया था। सभी छात्रों को पिछले 14 दिनों से अलग से निगरानी में रखा गया था। मंगलवार को सभी को उनके घर वापस भेज दिया जाएगा।इस दौरान मानेसर में लेफ्टिनेंट कर्नल मंजूनाथ ने छात्रों से बात करते हुए पूछा, “हाउ इज द जोश?” इसके उत्तर में छात्रों ने कहा, “हाई सर।” काफी देर तक 10 बैरकों में यह संवाद गूंजता रहा। वहां की स्थिति को याद करते हुए उत्तराखंड के निवासी छात्र संयज ने कहा, “चीन में स्थिति बेहद गंभीर है। पूरी तरह से वहां लॉक डाउन हो रखा है और हमें घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। हम कई दिनों तक घरों में बंद रहे।” हाउजोंग एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में जैविक विज्ञान से पीएडी कर रहे रोहित त्यागी ने कहा, “शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक हमें परिसर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। चीनी अधिकारी सड़कों और इलाकों को पूरी तरह से साफ कर रहे हैं।


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