रविवार, 23 फ़रवरी 2020

न्यायपालिका के निर्णय का विरोध किया

पिहानी/हरदोई। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 17 फरवरी 2020 को ये फैसला दिया गया है कि यदि कोई आरक्षित व्यक्ति जाति प्रमाणपत्र देता है तो उसे आरक्षित वर्ग के आरक्षण में सिर्फ़ उनके वर्ग में ही आरक्षण मिलेगा।चाहें उसका मेरिट में कितना भी ऊँचा स्थान क्यूँ न हो।किसी आरक्षित व्यक्ति को अनारक्षित कोटे में जगह नहीं दी जाएगी।रोस्टर प्रणाली के तहत किए गए इस मुकदमे की सुनवाई में यह फैसला देकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के आरक्षण को पूर्ण रुप से हटा दिया है शिक्षा प्रणाली से लेकर सरकारी नौकरी आदि में आरक्षण को पूर्ण रुप से समाप्त घोषित कर दिया गया है।इस फैसले के विरोध में आरक्षित वर्ग के लोगों में काफी रोष व्याप्त है और इस निर्णय के विरुद्ध आज दिनांक 23 फरवरी 2020 दोपहर समय तकरीबन 11:00 बजे दिन रविवार को पावर हाउस पिहानी में भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिलाध्यक्ष सर्वेश जनसेवा के नेतृत्व में एक व्यापक प्रदर्शन करते हुए नगर के अंदर रैली निकाली गई उपरोक्त वर्ग के सभी लोग वहां पर भारी संख्या में उपस्थित हुए और सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा लिए गए निर्णय को गलत व तानाशाही निर्णय बताते हुए जमकर विरोध जताया।


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