शनिवार, 1 फ़रवरी 2020

'बाबू हुकुम सिंह' की मूर्ति का अनावरण

बिलाल अली
सरकार में हमेशा बाबू हुकम सिंह जी का ही कद बड़ा- राजनाथ सिंह
गौतमबुध नगर। नोएडा में स्वर्गीय बाबू हुकुम सिंह जी के मूर्ति का अनावरण देश के रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अखिल भारतीय गुर्जर शोध संस्थान में किया हुकुम सिंह जी की याद में पत्रिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर देश के रक्षा मंत्री ने कहा कि बाबू हुकुम सिंह को हमेशा मे भाई साहब ही कहकर पुकारता था हुकुम सिंह जी एक कुशल राजनेता समाजसेवी एवं सच्चे राष्ट्रभक्ति थे उन्होने सेना में रहकर देश का मान बढ़ाया ।


भारतीय संस्कृति संकुचित नहीं है
रक्षामंत्री ने राजनीति के बदलते स्वरूप पर कहा कि राजनीति शब्द आज अपना अर्थ व भाव खो चुका है। सब कुछ निहित स्वार्थ के लिए हो रहा है, जो कि खतरनाक है। राजनीति के पुराने अर्थ को साकार करने के लिए हमें निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर देश हित में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति संकुचित नहीं है। वसुधैव कुटुंबकम का संदेश यहीं से गया है। उन्होंने युवाओं से भारतीय संस्कृति पर शोध करने का आह्वान किया।


 


बाबु हुकुम सिंह ने राजनीति में आकर दिन रात समाज सेवा मे लगे रहे ओर सभी समाज के लोगों को आगे बढ़ाने का कार्य किया । गुर्जर शोध संस्थान की स्थापना भी उनके सहयोग से की गयी जो आज एक बडा वृक्ष बन चुका है। संस्थान मे भारतीय संस्कृति को लेकर शोध किये जाये ताकि भारतीय संस्कृति का बारे ओर अधिक जानकारी मिल सके। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत देश का इतिहास काफी पुराना है ओर पूरे विश्व मे भारत ही एक ऐसा देश है जिसके लोग विश्व के हर देश में पाए जाते हैं । भारत में सभी अल्पसंख्यकों को पूरा सम्मान दिया जाता है। फारसी ओर यहूदियो द्वारा पूरे विश्व को बताया गया कि उनका सम्मान जितना भारत मे किया जाता है उतना विश्व के किसी देश मे नही किया गया। उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियो को अति पिछड़ी जाति का दर्जा दिया गया जिस कमेटी की संस्तुति पर यह सब किया उस कमेटी के अध्यक्ष बाबूजी हुकुम सिंह जी थे उन्होने खटीक ,कुम्हार ,बढ़ाई गुर्जर समेत अन्य 17 जातियांे को अति पिछड़ी में शामिल करने का ड्राफ्ट तैयार किया उस ड्राफ्ट की कॉपी को देखने के लिये भारत के अन्य राज्यो से प्रतिनिधि आकर देखते है कि कितने प्रभावशाली तरीके एॅव सच्चाई से उक्त ड्राफ्ट तैयार किया। प्रदेश मे जब उनके नेतृत्व मे भाजपा सरकार बनी थी तो हुकुम सिंह जी के पास ऊर्जा मंत्रालय था तो एक सभा मे लोगो ने बताया कि शाम के वक्त बिजली नहीं आती है जिसकी वजह से बच्चो की पढाई प्रभावित हो रही है। तो मेने हुकुम सिंह जी बात कर लोगो की समस्याओ के बारे मे बताया तो बोले कोई नही ग्रामीणो के शाम के वक्त बिजली जरुर मिलेगी ओर ऐसा ही हुआ उन्होने ऐसी कार्ययोजना बनायी ओर एक सप्ताह के अन्दर ही पूरे प्रदेश मे बिजली मिलनी शुरु हो गयी। हुकुम सिंह जी महान व्यक्तित्व के धनी थे मै भले ही उनसे पद में बडा था लेकिन कद मे उनसे छोटा था। नागरिकता संशोधन अधिनियम लेकर हो रहे बवाल पर बाले कि कुछ लोग बिना वजह के मामले को तूल दे रहे हैं । जबकि नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत किसी भी भारतीय को अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं करनी है ना ही उनकी नागरिकता खत्म होने वाली है लेकिन कुछ लोग गुमराह कर रहे है। भारत देश सभी का है यहॅंा पर सभी का बराबर का हक है यदि देश के अन्दर कोई व्यक्ति पाकिस्तान की जय जयकार करेगा तो उसको बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह किसी भी धर्म या किसी भी जाति को हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय सामाजिक न्याय एॅव अधिकारिता राज्य मन्त्री कृष्णपाल गुर्जर द्वारा की गयी। इस अवसर कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि उनके लिए बड़े गर्व का विषय है कि बाबू हुकुम सिंह जी द्वारा समाज एॅव देश के लिये अनेक कार्य किये गये है जिनमे संस्थान की स्थापना भी उनमे से एक है । आज यह पौधा विराट रूप ले चुका है इसके माध्यम से सैकड़ों छात्रो को फ्री कोचिंग दी जा रही है जिसकी वजह से सैकडो छात्रो को सरकारी नौकरियों मिल चुकी हैं । पूर्व मंत्री हरिश चंद भाटी ने गुर्जर इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि गुर्जर इतिहास काफी पुराना है राजा मिहिर भोज से लेकर अन्य राजाओं ने भारत पर शासन किया जिन्होंने हमेशा बाहरी आक्रमणकारियो से अपना बलिदान देकर देश की रक्षा की है। गूर्जर समूदाय ने मुगलों और अंग्रेजों से संघर्ष किया जिसकी वजह से उनको जंगल और पहाड़ों में जाकर छिपना पड़ा आज भी अधिकाश गूर्जर समुदाय के लोग पहाडो ओर नदियो के किनारे बसे मिलते है। गूर्जरो का इतिहास हमेसा बलिदान देने के लिये जाना जाता है मेवाड़ में पन्नाधाय का उदाहरण तो पूरा देश जानता है जिसने अपने बच्चे की जान देकर कुंवर की जान बचाई थी यदि वह अपने बच्चे की जान देकर कुॅवर की जान नहीं बचाती तो आज राजस्थान के अंदर मेवाड़ का इतिहास खत्म हो चुका होता। परिवहन राज्य मन्त्री एॅव संसदीय कार्यमन्त्री अशोक कटारिया ने कहा कि गूर्जर जाति का नाम नही बल्कि संस्कृति है । इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ महेश शर्मा, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर , कैराना के संासद प्रदीप चैधरी, तिगाॅव विधायक राजेश नागर,लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, गुर्जर महासभा के अध्यक्ष दिनेश गुर्जर शामली गन्ना विकास संस्थान के अध्यक्ष एॅव पूर्व मन्त्री नवाब सिंह नागर ,नोएडा विधायक पंकज सिंह, दादरी विधायक मास्टर तेजपाल नागर, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह , पूर्व मंत्री एवं विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी , आईएमए नोएडा के अध्यक्ष विपिन माल्यिान, गूर्जर इडियंन इडस्टरी ग्रेटर नोएडा के अध्यक्ष बाबू राम भाटी, संस्थान के अध्यक्ष डॉ योगेंद्र चैधरी,संस्थान के संस्थापक सदस्य शोभाराम भाटी ,विजेंद्र मुंशी ,समेत हजारों लोग उपस्थित रहे।



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