गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

हिंसाः 30 साल पुराना वीडियो वायरल

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का 30 साल पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 


नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध ने पूरा देश का मा​हौल खराब कर दिया है। इसका समर्थन और विरोध करने वालों ने राजधानी को हिंसा की आग में झोंक दिया है। पिछले करीब दो दशक में यह सबसे बड़ा साम्प्रदायिक दंगा है, जिसमें अब तक करीब 20 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच आरजेडी प्रमुख और और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का 30 साल पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 
यह वीडियो 1990 का है जब बीजेपी ने लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में देशभर में रथ यात्रा निकाली थी। यह रथ यात्रा जहां भी जाती थी, वहां दंगा फसाद हो जाता था।। इस वजह से लालू यादव खासे नाराज थे। जिसके बाद उन्होंने गाँधी मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की थी। इस रैली में उन्होंने कविता के जरिए आडवाणी को चेतावनी दी थी। वह कुछ इस तरह हैं-  
जब इंसान ही नहीं रहेगा ,तो मंदिर में घंटी कौन बजावेगा।
जब इंसान ही नहीं रहेगा, तो मस्जिद में इबादत कौन करेगा।
आम आदमी की जान उतना ही कीमती है, जितना नेता/पीएम का।
चाहे मेरा राज रहे या जाए, मैं दंगा फैलाने वालों से समझौता नहीं करूंगा। 
दरअसल 1990 की है जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा जोर पकड़ रहा था तोलालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकालने का ऐलान कर दिया था। आडवाणी की यह रथ यात्रा बिहार होते हुए अयोध्या जानी थी। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने साम्प्रदायिकता से समझौता न करने का फैसला लिया। उनका मत था कि जितना क नेता या प्रधानमंत्री के जान की कीमत हैं, उतना ही कीमती एक आम जनता की जान हैं। बाद में, लालू प्रसाद यादव के आदेश पर 23 अक्टूबर, 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया। लालू का यह 30 साल पुरान वीडियो एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है।


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