शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

10 लाख से अधिक श्रद्धालु होंगे एकत्रित

दुनिया के सबसे बड़े हनुमान: संतों के साथ 10 लाख लोग करेंगे एक साथ भोजन
इंदौर। इस समय देश का सबसे स्वच्छ
शहर इंदौर हनुमान भक्ति के सागर में डूबा हुआ है। शहर के नजदीक स्थित पितृ पर्वत पर 108 टन वजनी बजरंग बली की विराट प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश भर के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है… और यहां देश भर के संतों के साथ करीब 10 लाख श्रद्धालु भोजन करेंगे। प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा इसे आस्था के मिनी कुंभ की उपमा दी जा रही है।
भगवामय हुआ नगर
24 फरवरी से 3 मार्च तक चलने वाले इस समारोह में देशभर के संत, महात्मा, महामंडलेश्वर, भजन मंडलियां और मातृशक्तियां शामिल हैं। यात्रा की अगुवाई में बड़े-बड़े साधु संत, महात्मा उपस्थित हैं। एयरपोर्ट स्थित श्रीश्री विद्या धाम से श्री पित्रेश्वर धाम तक करीब 7 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा में पूरे शहर की हजारों महिलाएं गीत-भजन-कीर्तन करतीं, सिर पर कलश लेकर चलीं। सभी श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा के पाठ किए एवं राम नाम की धुन रमाई। यात्रा के दौरान पूरा इंदौर भगवामय हो गया। जगह-जगह लगे 50 से ज्यादा मंचों द्वारा शोभायात्रा का स्वागत किया गया। 24 फरवरी सोमवार को यह अद्भुत नजारा शहर में देखने को मिला। समारोह में रोजाना 50 हजार से ज्यादा भक्तगण शामिल हो रहे हैं।
नगर भोज में शामिल होंगे 10 लाख लोग
इस धर्म आयोजन का दिशा निर्देशन भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा किया जा रहा है। इस नौ दिवसीय समारोह में सवा लाख हनुमान चालीसा पाठ के साथ-साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और देश भर से आए बड़े संतों द्वारा भागवत, प्रवचन, आदि दिए जाएंगे। समापन दिवस पर यहां नगर भोज का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए 10 अलग-अलग स्थानों पर रसोई घर बनाए जा रहे हैं, जिममें करीब 10 लाख लोगों के भोजन तैयार करने की व्यवस्था की गई है। भोजन प्रसादी परोसने की जवाबदारी भाजपा के युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को दी गई है।
देश की सबसे ऊंची प्रतिमा
66 फुट ऊंची, 48 फुट की गदा के साथ 90 टन वजन की यह प्रतिमा देश में बैठे हुए हनुमान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा है। जन सहयोग से बनी अष्ट धातु की इस प्रतिमा पर विशेष प्रकार की पॉलिश की गई है, जो मौसम से उसका बचाव करेगी। प्रतिमा का निर्माण ग्वालियर के कलाकारों द्वारा 6 साल में पूरा किया गया है, जिसकी लागत करीब 10 करोड़ रुपए आई। निस्संदेह इस प्रतिमा की स्थापना से शहर को व्यापारिक एवं आर्थिक लाभ मिलेगा। शहर के इस भव्य-विशाल पितृ पर्वत को सरकार पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही है।
अभिजीत मुहूर्त में हुई प्राण-प्रतिष्ठा
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अंतिम दिन सुबह से वैदिक मंत्रोच्चार किए जा रहे हैं। 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। सिंदूरी चोले में हनुमानजी की प्रतिमा मानो सजीव हो उठी। संतों की मौजूदगी में कैलाश विजयवर्गीय ने प्रतिमा का विशेष अभिषेक किय, इसके बाद अन्य क्रियाएं संपन्न होगी। पितृ पर्वत इन्दौर में हनुमानजी का एक बड़ा तीर्थ बन गया है, जहां 66 फुट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति सत्संग में ध्यान करते हुए विराजित की गई है। इसके साथ ही गदा और रामचरितमानस की कृति भी यहां रखी गई हैं। इसी प्रतिमा के नीचे हनुमानजी की मूर्ति माता अंजनी के साथ विराजित की गई है। कल हनुमानजी की प्रतिमा के आम लोगों को भी दर्शन कराए गए।
देश भर के संतों जमावड़ा
पितृ पर्वत पर आज दोपहर हनुमानजी की मूर्ति की मंत्रोच्चार के बीच प्राण-प्रतिष्ठा होते ही हनुमानजी दमक उठे। सिंदूरी चोला और वस्त्रों से सुसज्जित हनुमानजी की मूर्ति के दर्शन के लिए हर कोई ललायित दिखा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंदजी महाराज, मानस मर्मज्ञ मुरारी बापू, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरिजी महाराज, महामंडलेश्वर गुरु शरणानंदजी, महामंडलेश्वर कनकेश्वरी देवी, ब्रह्मऋषि उत्तम स्वामी, चिन्मयानंद महाराज, महामंडलेश्वर कालीदासजी महाराज सहित देशभर के संत-महात्मा शामिल हुए।


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