मंगलवार, 21 जनवरी 2020

विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी बंगाल सरकार

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार मुखर हैं। इस कानून के खिलाफ वह मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं। अब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल सरकार एंटी सीएए प्रस्ताव 27 जनवरी को दोपहर 2 बजे पेश करेगी। इस प्रस्ताव को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। बता दें कि ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि वह नागरिकता संशोधन कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करेंगी। इससे पहले ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून के बाद अब एनपीआर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि आपको इस कानून को अपने राज्य में लागू करने से पहले इसे अच्छे से पढ़ना चाहिए। इसके बाद ही इसे लागू करने को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। ममता ने ऐलान किया है कि वो 22 जनवरी को सीएए और एनआरसी के खिलाफ दार्जिलिंग एक रैली निकालने जा रही हैं।


ममता बनर्जी ने कहा कि मैं भाजपा शासित पूर्वोत्तर-त्रिपुरा, असम, मणिपुर और अरुणाचल तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करूंगी कि वे निर्णय पर पहुंचने से पहले कानून को ठीक तरह से पढ़ें और एनपीआर फॉर्म के विवरण खंडों का संज्ञान लें। उन्होंने कहा कि एनपीआर एक खतरनाक खेल है और यह एनआरसी और सीएए से पूरी तरह संबंधित है। राज्यों को इसे वापस करने के लिए प्रस्ताव पास करना चाहिए। बनर्जी ने एनपीआर की कवायद को 'खतरनाक खेल' करार देते हुए कहा कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के क्रियान्वयन का पूर्व संकेत है। ममता ने कहा कि, ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जल्द ही प्रस्ताव पारित करेगी।


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