नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि मुस्लिम महिलाओं को पुरुषों की तरह ही नमाज के लिए मस्जिदों में प्रवेश की अनुमति होती है। पीठ अनेक धर्मों में व केरल के सबरीमला मंदिर समेत धर्मस्थलों पर महिलाओं के साथ भेदभाव से संबंधित कानूनी और संवैधानिक मुद्दों पर विचार कर रही है। सचिव मो.फजलुर्रहीम ने वकील एमआर शमशाद के माध्यम से दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि धार्मिक पाठों, शिक्षाओं और इस्लाम के अनुयायियों की धार्मिक आस्थाओं पर विचार करते हुए यह बात कही जा रही है कि मस्जिद के भीतर नमाज अदा करने के लिए महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश की अनुमति है, इसलिए कोई मुस्लिम महिला नमाज के लिए मस्जिद में प्रवेश के लिए स्वतंत्र है। इसमें कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं को अलग स्थान दिया गया है क्योंकि इस्लाम की शिक्षाओं के अनुसार उन्हें मस्जिद या घर पर जहां चाहें वहां नमाज पढ़ने पर उतना ही धार्मिक पुण्य मिलेगा।
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