शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

धर्मेंद्र की मौत का मामला कोतवाली में फंसा

मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के मंझनपुर कस्बे का मामला


कौशाम्बी। मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के नेता नगर मोहल्ले में एक युवक की घर के भीतर दूसरी मंजिल में लाश मिली है सूचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है। घटना के पीछे कई सवाल छूट गये है जिनका जवाब पुलिस के साथ परिजनो के पास भी नही है। वही मृतक युवक के अन्य भाई इस मामले में युवक की आत्म हत्या की बात कह रहे है। लेकिन मौके पर आत्म हत्या के साक्ष्य नही मिल सके है। 


 घटनाक्रम के मुताबिक मंझनपुर कस्बे के नेता नगर निवासी धर्मेन्द्र कुमार पुत्र माता प्रसाद वर्मा ने पहले मंझनपुर चौराहे पर जूते चप्पल की दुकान खोल रखी थी और इसी दुकान के नाम पर बैंक से 10 लाख रूपये का कर्ज भी ले रखा था चार भाईयो में सबसे छोटा धर्मेन्द्र की अभी शादी नही हो सकी है। जिससे वह अन्य भाईयो के साथ ही घर में रहता है। बैंक से लोन लेने के बाद धर्मेन्द्र ने अपनी दुकान अजरौली गांव में ट्रासफर कर दी। शुक्रवार को दिन में साढे 11 बजे जब धर्मेन्द्र के घर जब पुलिस पहुची तो कस्बे के लोग कारण जानने को बेताब हुए तो मालूम हुआ की धर्मेन्द्र की मौत हो चुकी है। 


किसी के चेहरे में नही था गमगमः पूरे घर में भाई पिता भाभी समेत किसी के चेहरे पर मौत का गम नही था किसी के आखो से आसू नही बह रहा था। परिवारी सदस्यो के चेहरो को देखकर धर्मेन्द्र की आत्म हत्या की कहानी में सवाल खडे हो रहे है। 


कमरे के एक किनारे खडा था स्टूलः जिस कमरे में धर्मेन्द्र की मौत की बात की जा रही है उस कमरे में एक किनारे पर एक स्टूल था जो सीधा खडा हुआ था वहॉ पर अन्य कोई ऐसे संसाधन नही थे जिस पर चढ कर आत्म हत्या किया जा सके। यदि स्टूल में चढकर आत्म हत्या की बात परिजन कर रहे है तो वह सम्भव नही है स्टूल गिरा नही था और वह चुल्ले के सीध में नही था।


कौशाम्बी। धर्मेन्द्र की मौत के बाद मौके पर पहुचे लोगो ने देखा कि जिस कमरे में धर्मेन्द्र सोता है उसके बगल और ऊपरी मंजिल में पूरा परिवार रहता है धर्मेन्द्र के कमरे का दरवाजा अन्दर से नही बन्द था हल्के से धक्का देते ही वह खुल गया है। 


रात 3 बजे घर में हुआ है हो हल्लाः धर्मेन्द्र की मौत को परिजन एक तरफ आत्म हत्या करार दे रहे है दूसरी तरफ परिजनो का कहना है कि धर्मेन्द्र के आत्म हत्या करने की जानकारी उन्हे शुक्रवार को 11 बजे दिन में हुयी है लेकिन आस पास के लोगो की बातो को माने तो रात 3 बजे धर्मेन्द्र के घर में तेजी तेजी से हो हल्ला हो रहा था। आखिर हो हल्ला का कारण क्या था परिजन इसे छिपाने का प्रयास क्यों कर रहे है हो हल्ला के पीछे कौन सी गोपनीयता छिपी है। हो हल्ला को सुनकर रात में पडोसी भी परेशान हो उठे थे। 


पहले से घर में मौजूद बाहरी व्यक्ति कौन


कौशाम्बी। धर्मेन्द्र की मौत के समय घर में तीन दिन से कुछ बाहरी व्यक्ति मौजूद थे इनमें फतेहपुर जनपद के भी रहने वाले लोग मौजूद है आखिर तीन दिनो से घर में बाहरी लोगो के टिकने का क्या मकसद है यह भी एक जॉच का विषय है और इन गम्भीर मामलो में पुलिस आलाधिकारियो ने जॉच करायी तो जॉच परिणाम चौकाने वाले हो सकते है।


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