मंगलवार, 21 जनवरी 2020

'भारत में भूख' से एक 'दर्दनाक मौत'

अंबिकापुर। मासूम बच्चे के साथ भटक कर अंबिकापुर पहुंची महिला की पहचान हो गई है। खाना नहीं मिलने से महिला के गोद में ही बच्चे की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया के माध्यम से खबर मिली तो परिजन अंबिकापुर पहुंचे। यहां चार दिन बाद बच्चे के शव का पीएम कराया गया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने बच्चे की मौत भूख से होने से पुष्टि की।



गौरतलब है कि भटक कर अंबिकापुर पहुुंची महिला का नाम गीता विश्वकर्मा है। उसका ससुराल झारखंड के छतरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम लोहराही में है। पति सत्येंद्र विश्वकर्मा व सौतन द्वारा आए दिन उससे मारपीट व प्रताडि़त किया जाता था। प्रताडऩा से परेशान होकर मायके वाले महिला को दिसंबर में अपने घर गोदरमाना थाना क्षेत्र के ग्राम हारदोहर ले लाए थे।


महिला ढाई वर्षीय बेटे के साथ मायके में रह रही थी, जबकि तीन बच्चों को वह ससुराल में ही छोड़ आई थी। 17 जनवरी की शाम महिला बच्चे को गोद में लेकर मायके से निकल गई थी। उधर मायके वाले महिला व बच्चे को तलाश भी कर रहे थे। महिला छतरपुर की बस मेंचढऩे की बजाय छत्तीसगढ़ आने वाली बस में बैठ गई थी और भटक कर अंबिकापुर पहुंच गई। 18 दिसंबर की रात 11.30 बजे महिला ढाई वर्षीय पुत्र को मृत अवस्था में गोद में लेकर भटकती रो रही थी। इस दौरान प्रतीक्षा बस स्टैंड पुलिस को उस पर नजर पड़ी तो उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। यहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद महिला सदमे में आ गई थी और कुछ बताने की स्थिति में नहीं थी। इस दौरान महिला अस्पताल के सेप्टिक टैंक में कूदकर जान देने की भी कोशिश की थी। इसके बाद से महिला को महिला पुलिस की निगरानी में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही भर्ती कराया गया और बच्चे के शव को मरच्यूरी में रखवा कर पुलिस परिजन के आने का इंतजार कर रही थी।



सोशल मीडिया से परिजन को मिली जानकारीः अचानक बच्चे के साथ महिला के गायब हो जाने से मायके वाले भी परेशान थे। वे अपने रिश्तेदारों से बातचीत कर महिला की तलाश कर रहे थे। इधर अंबिकापुर पुलिस ने घटना के संबंध में वाट्सएप्प के माध्यम से महिला की फोटो वायरल की थी। वाट्सएप्प के ही माध्यम से परिजन को पता चला तो मंगलवार को महिला के भाई रामा विश्वकर्मा, अरुण विश्वकर्मा व जीजा गिरजा विश्वकर्मा अंबिकापुर पहुंचे।



परिजन के आने के बाद हुआ पीएमः मां के गोद में बच्चे की मौत हो जाने से सभी असमंजस में थे। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे। चार दिन से बच्चे का शव परिजन के इंतजार में मरच्यूरी में रखा हुआ था। मंगलवार को परिजन के पहुंचने के बाद शव का पीएम डॉ. संजीव खाखा द्वारा किया गया। पीएम करने के बाद चिकित्सक ने परिजन को बताया कि बच्चे के पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं था। इससे बच्चे की मौत भूख से हुई होगी। वहीं चिकित्सक ने इस्टो पैथो जांच के लिए भेज दिया है।


नहीं पहुंचे ससुराल वालेः महिला की शादी झारखंड के छतरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम लोहराही निवासी सत्येंद्र विश्वकर्मा से हुई है। सत्येंद्र पूर्व से भी शादीशुदा है। उसे पहली पत्नी से बच्चे नहीं हो रहे थे, इस कारण उसने दूसरी शादी गीता विश्वकर्मा से की थी। शादी के बाद गीता के चार बच्चे हैं। इसके बाद पति व सौतन द्वारा उसके साथ मारपीट व प्रताडि़त किया जाता था। इससे महिला परेशान रहती थी। घटना की जानकारी मायके वालों ने उसके पति को भी दी लेकिन उसने आने से इंकार कर दिया।


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