शनिवार, 7 दिसंबर 2019

शवों को ना जलाया जाए,न दफनाए:एचसी

हैदराबाद! तेलंगाना हाईकोर्ट ने हैदराबाद में मारे गए बलात्कार आरोपितों के शवों के अंतिम संस्कार को रोक दिया है। हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर कहा कि चारों आरोपितों के शव सोमवार (दिसंबर 9, 2019) तक सुरक्षित रखे जाएँ। उस दिन शाम 8 बजे तक इन शवों को जलाया या दफनाया नहीं जा सकेगा। कोर्ट ने इस सम्बन्ध में तेलंगाना सरकार को आदेश दिया है। अब कोर्ट द्वारा निर्धारित समय तक आरोपितों के शवों को उनके परिवार को भी नहीं सौंपा जा सकेगा। लिहाजा  हैदराबाद की महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और उसकी हत्या के आरोपियों का अंतिम संस्कार करने के लिए अब लंबा इंतजार करना पड़ सकता है!


सोमवार को सुनवाई करेगा हाई कोर्ट शुक्रवार देर शाम आपात सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारियों को आरोपियों के शवों को नौ दिसंबर तक संरक्षित करने का निर्देश दिया है! नौ दिसंबर को मुख्य न्यायाधीश आर. एस. चौहान विभिन्न संगठनों द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे! इन याचिकाओं में पुलिस के हाथों हुई 'न्यायेतर हत्या' की जांच की मांग की गई है! इस एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताते हुए कोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की गई है। सोमवार को इस पर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि चारों आरोपितों के शवों के पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी कराई जाए।


महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और उसकी हत्या के चारों आरोपी शादनगर में शुक्रवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे! पोस्टमार्टम के बाद चारों शवों को महबूबनगर स्थित सरकारी अस्पताल में शवगृह में संरक्षित किया गया है! राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम आज अस्पताल का दौरा करेगी! इस दौरान टीम शवों को देखने के साथ ही संबंधित अधिकारियों और फोरेंसिक विशेषज्ञों से जानकारी एकत्र कर सकती है!


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