शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

रेप के चारों आरोपियों का एनकाउंटर

हैदराबाद। हैदराबाद गैंगरेप को चारों आरोपी मारे गए हैं। हैदराबाद पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस इन चारों लोगों को वारदात की जगह ले जा रही है, जहां से इन चारों लोगों ने भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया।
हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर की रात को चार ट्रक ड्राइवरों और क्लीनर ने मिलकर महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और जलाकर मारने जैसे अपराध को अंजाम दिया था.देश में रेप के मामलों में आरोपियों को सज़ा देने में कितनी देरी होती है, इससे हर कोई वाकिफ है। दिल्ली में निर्भया कांड को 7 साल बीत गए हैं, लेकिन आरोपियों को अभी तक फांसी की सज़ा नहीं मिली है। ज़ाहिर है कि हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप के बाद हत्या और फिर लाश को जला देने की घटना के बाद देश भर में लोगों का गुस्सा फुट पड़ा। लोगों को लगा शायद इस केस में भी आरोपियों को सज़ा मिलने में सालों लग जाएंग। हालांकि, एनकाउंटर में आरोपियों को मार गिराए जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी ही घटना हैदराबाद में 11 साल पहले भी हुई थी और तब आज के पुलिस कमिश्नर सीपी सज्जनार (वहां पुलिस सुपरिटेंडेंट थे।


साल 2008 का एनकाउंटर


ये घटना साल 2008 की है. आंध्र प्रदेश के वारंगल में तीन आरोपी पुलिस की हिरासत में थे। इन तीनों पर इंजिनिरिंग कॉलेज की 2 छात्राओं पर एसिड फेंकने का आरोप था। पुलिस यहां भी घटना के सीन को रि- क्रिएट करना चाहती थी। उन्हें भी घटनास्थाल पर ले जाया गया। यहां ये तीनों आरोपी पुलिसवालों पर एसिड फेंक कर भागने की फिराक में थे। तभी पुलिस ने इन पर गोलियां बरसा दी। घटनास्थल पर ही तीनों आरोपियों की मौत हो गई।


उस वक्त यहां के एसपी सीपी सज्जनार ही थे। उन्होंने पूरी घटना के बारे में मीडिया को बताया था और कहा था इन तीनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। लिहाजा पुलिस इस घटना को समझने के लिए घटनास्थल पर गई और एनकाउंटर हो गया। कहा जा रहा है कि इस घटना के बाद हैदराबाद में महिलाओं पर एसिड फेंकने की घटनाएं काफी कम हो गई।


11 साल बाद एक और एनकाउंटर और वहीं पुलिस ऑफिसर


आज एक बार फिर से 11 साल बाद हैदराबाद में इस एनकाउंटर ने लोगों को पुरानी घटना की याद दिला दी है। शुक्रवार की सुबह भी कुछ ऐसा ही हुआ। तेलंगाना पुलिस के मुताबिक सभी आरोपियों को सुबह घटनास्थल पर ले जाया गया था, जहां पर पूरी घटना को रिक्रिएशन किया जाना था। इसी दौरान आरोपी पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने सभी आरोपियों को रुकने के लिए कहा, लेकिन वह भागते रहे। बाद में पुलिस को गोली चलानी पड़ी और सभी चारों आरोपियों की मौत हो गई।


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