बुधवार, 4 दिसंबर 2019

कुरुक्षेत्र: 5 एकड़ में बनेगा भारत माता मंदिर

कुरूक्षेत्र! हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए कर्म के सिद्धांत को न केवल देश में बल्कि गत चार वर्षों से विश्व के कोने-कोने में पहुंचाने की पहल करने के बाद अब दिव्य कुरूक्षेत्र को भव्य कुरूक्षेत्र बनाया जाएगा। इसके लिए कुरूक्षेत्र में पांच एकड़ भूमि पर भारत माता का मंदिर बनाया जाएगा जिससे कुरूक्षेत्र को सांस्कृतिक राजधानी के रूप में पहचान मिलेगी।


खट्टर आज यहां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के उदघाटन अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय श्रीमद्भागवत गीता का शाश्वत दर्शन एवं सार्वभौमिक कल्याण विषय पर अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी में अपने अध्यक्षीय भाषण में यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 तक गीता महोत्सव केवल कुरूक्षेत्र उत्सव के रूप में मनाया जाता था उसके बाद 2014 से गीता महोत्सव सभी जिला स्तर, ब्लाक स्तर पर मनाने की पहल करने के बाद अब 2016 से लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका आयोजन किया जा रहा है।


इसी वर्ष फरवरी में मॉरिशस में पहली बार भारत से बाहर गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। इसके बाद अगस्त 2019 में इग्लैंड ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया।उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी में आस्टेलिया ने 20 से 23 मार्च 2020 तक अपने देश में गीता महोत्सव मनाने की घोषणा की है। उसके बाद कनाडा ने भी जुलाई 2020 में वहां गीता महोत्सव का आयोजन कराने की सहमति दी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष गीता महोत्सव में किसी को भागीदार राज्य तथा भागीदारी देश बनाया जाता है। इस वर्ष उत्तराखंड भागीदार राज्य है तो नेपाल भागीदारी देश है। नेपाल के नई दिल्ली में उप उच्चायुक्त भरत कुमार रेकवी ने भी नेपाल में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन करने की सहमति व्यक्त की।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण दिन है संयोग से आज भारत रत्न एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद और स्वतंत्रता संग्राम में सबसे युवा शहीद खुदीराम बोस का जन्मदिवस भी है। उन्होंने कहा कि 600 करोड़ की विश्व की जनसंख्या गीता के संदेश के उत्पति स्थल के बारे अधिकाधिक जानकारी प्राप्त करें इसके लिए भी प्रयासरत है।


उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा की 48 कोस की परिधि में महाभारत काल से जुड़े कौरवों और पांडवों के मंदिर और सरोवर स्थल हैं इसके लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के माध्यम से उनका जीर्णोधार करने की योजना पहले ही बनाई जा चुकी है और वह स्वयं इन स्थलों का दौरा कर चुके हैं। लोगों की किसी न किसी रूप में आज भी उनसे आस्था जुड़ी हुई है।खट्टर ने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कृष्णा सर्किट फेज-एक के तहत 90 करोड़ रूपये से अधिक की राशि उपलब्ध कराई जिसके तहत ज्योतिसर और ब्रहमसरोवर को नया रूप दिया गया है।


इसके अलावा ब्रहमसरोवर पर अन्य प्रकार के ढांचागत विकास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग सामाजिक दायित्व के तहत भारतीय तेल निगम ने 8 से 10 करोड़ रूपये की राशि कुरुक्षेत्र के विकास के लिए खर्च करने की सहमति दी है जिसे लेकर समझौते पर शीध्र हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में लगभग 100 से अधिक धर्मशालाएं हैं जिनमें प्रतिदिन 8 से 10 हजार लोग गीता महोत्सव और सूर्यग्रहण के दौरान ठहरते हैं इस कार्य में सहयोग के लिए कई सामाजिक संस्थाएं आगे आ रही हैं।उन्होंने कहा कि हरियाणा पर्यटन विभाग यहां एक पंच सितारा होटल का निर्माण कर रहा है।


कुरुक्षेत्र और करनाल के बीच एक हवाई अड्डा बनाने का भी प्रस्ताव विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की धरा सिख गुरूओं से भी जुड़ी हुई है। सिखों के 10 गुरूओं में से आठ गुरू किसी न किसी रूप में कुरुक्षेत्र की धरा पर आए हैं। इस स्मृति को स्थाई बनाने के लिए कुरुक्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय सिख संग्राहलय का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि त्रिरूपति मंदिर का भी यहां निर्माण किया गया है। इसके अलावा गीता प्रैस का भी स्थाई स्टाल ब्रहमसरोवर पर है।


उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीनतम नदी सरस्वती की धारा का भी प्रवाह यहां रहा है लेकिन कालांतर में इस नदी का जल प्रवाह मार्ग बदल गया। उपग्रह से प्राप्त चित्र आज भी प्रमाणित करते हैं कि भूमि के नीचे सरस्वती का प्रवाह आज भी मौजूद है और यह कुरुक्षेत्र, पिहोवा होते हुए सिरसा, राजस्थान होते हुए सिंघूू नदी जाती है। उन्होंने जीवन में लालसा छोड़ने के गीता के संदेश को सरकार ने विश्व में पहुंचाने की पहल की है।


इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखंड ऐसा राज्य है जहां पांडवों से जुडी कथाएं घर-घर से जुड़ी हैं। विवाह शादी के अवसर पर पांडव नृत्य यहां का विशेष उत्सव होता है। चतूर बिहू, कामधून बिहू और त्रिशूल बिहू यहां के विशेष उत्सव हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, खेल एवं युवा कार्यक्रम राज्यमंत्री संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा और रामकुमार कश्यप, पूर्व विधायक डा. पवन सैनी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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