गुरुवार, 5 दिसंबर 2019

गौरक्षण के लिए दीया अधिकारी को ज्ञापन

हल्द्वानी! एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू सदस्य रितिक साहू के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से हल्द्वानी शहर की सड़कों में घूम-घूम कर शहर के चौराहों में जीवन यापन करने को मजबूर गायों के लिए तत्काल गौशाला बनाने के लिए संस्था पदाधिकारियों ने नगर-निगम नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया को ज्ञापन दिया!
इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू, उपाध्यक्षष लोकेश कुमार साहू ने संयुक्त रूप से कहा की हल्द्वानी शहर में गौशाला ना होने के कारण से गायों को पिछले कई वर्षों से सड़कों में घूम-घूम कर शहर के चौराहों में अपना जीवन गुजर बसर करने के लिए मजबूर हो गई हैं! जिस कारण से शहर की यातायात व्यवस्था पूर्ण रूप से कभी कभी सुचारू नहीं हो पाती है! जिससे राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और यातायात बाधित होने से कई गाय वाहनों की चपेट में आ जाती हैं! जिससे गायों कि मौत का खतरा लगातार बना रहता है! इसके बावजूद भी नगर निगम की तरफ से आज तक गौशाला बनाने की कोई पहल नहीं की गई! जबकि वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय के गोबर में विटामिन बी 12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है! यह रेडियोधर्मिता को भी सोख लेता है आम मान्यता है कि गाय के गोबर के कंडे से धुआं करने पर कीटाणु मच्छर आदि कीटाणु भाग जाते हैं और दुर्गंध भी नष्ट हो जाती है! गौमूत्र और गोबर फसलों के लिए बहुत उपयोगी कीटनाशक सिद्ध हुऐं हैं! कीटनाशक के रूप में गोबर और गौमूत्र के इस्तेमाल के लिए अनुसंधान केंद्र भी खोले जा सकते हैं! क्योंकि इनमें रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों के बिना खेती के हर उत्पादन बढ़ाने की अपार क्षमता है और गाय का गोबर इस्तेमाल करने से भूमि की उर्वरता बनी रहती है! वहीं दूसरी ओर पैदा की जा रही सब्जी फल या अनाज की फसल की गुणवत्ता भी बनी रहती है जुताई करते समय गिरने वाले गोबर और गौमूत्र से भूमि में स्वतः खाद डलती जाती है प्रकृति के 99% कीट प्रणाली के लिए लाभदायक हैं एक गाय के गोबर से 7 एकड़ भूमि को खाद और मूत्र से 100 एकड़ भूमि की फसल को कीटों से बचा सकता है! केवल 40 करोड़ गौवंश के गोबर व मूत्र से भारत में 84 लाख एकड़ भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है और गौमूत्र व गोबर चर्म रोग सहित सैकड़ों रोगों में बचाने में महत्वपूर्ण उपयोग किया जाता है! इसके बावजूद दुर्भाग्य से शहरों में जिस तरह पॉलिथिन का उपयोग कर उसे फेंक दिया जाता है! जिसे खाकर गायों की असमय मौत हो रही है, इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना चाहिए! ताकि हमारी आस्था और अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके क्योंकि गौ माता का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है! गौ माता हमेशा से शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है! इसलिए सर्वगुण संपन्न गौ माता के लिए रहने एवं खाने पीने का स्थान गौशाला सुनिश्चित कराना बहुत जरूरी है और यह सरकार व नगर निगम की नैतिक जिम्मेदारी! 
इस दौरान मेयर को ज्ञापन देने में संस्था महिला अध्यक्ष नम्रता सिंह, कोषाध्यक्ष बलराम हालदार लक्ष्मी हालदार, पूनम सरकार, लक्ष्मी वार्ष्णेय, कोमल गुप्ता, गोविन्द मिस्त्री अभिषेक साहू, राकेश बैरागी, सुशील राय, सूरज कुम्हार आदि लोग उपस्थित है!


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