शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

डीएम ने की अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों की बैठक

शामली। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि पराली जलाने पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सिर्फ किसान की नहीं है। बल्कि इसे रोकने के लिए ग्राम प्रधान से लेकर स्थानीय अधिकारी भी बराबर के जिम्मेदार होंगे। शासन के निर्देश हैं कि यदि किसी गांव में किसान पराली जलाता है तो किसान के साथ ग्राम प्रधान से लेकर अधिकारियों तक पर कार्रवाई की जाएगी। बुधवार शाम करीब चार बजे जिलाधिकारी अखिलेश सिंह खंड विकास कार्यालय में चल रही ग्राम प्रधानों के साथ बीडीओ की बैठक में पहुंचे। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देश हैं कि पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। बताया कि अब पराली पर रोक लगाने के लिए शासन ने किसान के साथ ग्राम प्रधान से लेकर स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की है। साथ ही उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि लोग कोल्हू में ईंधन के स्थान पर चमड़े के जूते चप्पल आदि जलाते हैं, जो प्रतिब‌ंधित हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी है कि वह अपने गांव का ध्यान रखे और यदि कोई कोल्हू संचालक जूते चप्पल का इस्तेमाल करता है तो तुरंत मुख्य विकास अधिकारी को शिकायत करें। बैठक में जिलाधिकारी ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ कांति प्रसाद को निर्देश दिए कि शून्य से पांच साल के बच्चों का शत प्रतिशत ‌टीकाकरण कराया जाए। बताया कि प्रत्येक गांव में टीकाकरण करने से करीब चार दिन पहले ग्राम प्रधान व नगर पंचायत में सभासदों को सूचना दी। ताकि वह अपने क्षेत्र के लोगों को पूर्व में ही सूचित कर सके। इसी आदत से शत प्रतिशत टीकाकरण सफल होगा। गौशालाओं में बंटेंगे कोटेदारों के बोरे सर्दियों के दिनों में गौशालाओं में रह रहे गोवंश की देखभाल को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने निर्देश दिए है कि कोटेदारों से खाली बोरे लेकर उन्हें गौशालाओं को वितरित किए जाएंगेे। जिससे कि वह लोग गोवंश को सर्दी से बचाने के लिए उनका इस्तेमाल कर सके। बताया कि जल्द ही इस संबंध में सभी कोटेदारों को निर्देश जारी किए जाएंगे। इस मौके पर सभी ग्राम प्रधान और ब्लॉक के समस्त अधिकारी मौजूद रहे।


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