सोमवार, 18 नवंबर 2019

सरकार बीमा कंपनियों का भी करेगी विलय

नई दिल्ली। बैंकों के लगातार बढ़ रहे घाटे से उसे उबारने के लिए मोदी सरकार ने बैंकों के विलय का फैसला लिया। सबसे पहले एसबीआई में बैंक के 6 सहयोगी बैंकों का विलय किया। इसके बाद इलाहाबाद बैंक के साथ इंडियन बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी), पंजाब नेशनल बैंक के साथ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक के साथ केनरा बैंक, और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ कॉरपोरेशन बैंक का विलय का फैसला लिया। 
बैंकों के विलय के बाद मोदी सरकार ने एक और फैसला लिया है। सरकार अब बीमा कंपनियों के विलय को लेकर विचार कर रही है।


केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में ऐलान किया है, जिसके तहत 3 सरकारी बीमा कंपनियों के विलय का फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार तीन सरकारी जनरल बीमा कंपनियों के विलय की तैयारी कर रही है, जिसमें नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल इंश्योरेंस लिमिटेड के नाम शामिल किए गए हैं। बीमा कंपनियों के विलय के पीछे की वजह बताते हुए सरकार ने साफ किया है कि लगातार घाटे और कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण ये कंपनियां आगे बढ़ने में सक्षम नहीं है। ऐसे में कंपनियों का विलय कर उसके घाटे को कम करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि बीमा कंपनियों के विलय से उसके पॉलिसी धारकों पर कोई असर नहीं होगा।


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