गुरुवार, 21 नवंबर 2019

संसद में गूंजा बंदरों के आतंक का मुद्दा

नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को मथुरा व दिल्ली में बंदरों के आतंक का मुद्दा गूंजा। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद व बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने बंदरों की समस्या को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कई लोगों की इससे मौत हो गई है। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार से ध्यान देने की मांग की। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बंदरों के संकट के मुद्दे को उठाए जाने पर विभिन्न दलों के नेता एक मत थे। उन्होंने इस समस्या को खतरनाक व गंभीर बताया और संकट से निपटने के लिए सरकार से कार्रवाई की मांग की।


बंदरों के मुद्दे को उठाते हुए हेमा मालिनी ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र मथुरा व वृंदावन के इलाके में बंदरों के हमले की वजह से बहुत से लोग मारे गए हैं। हेमा मालिनी ने कहा, "बंदरों के प्राकृतिक आवास में कमी आई है और जब वे खाने की तलाश में आवासीय क्षेत्रों में आते हैं तो, वृंदावन के लोगों को उनसे सख्ती से निपटने को मजबूर होना पड़ता है। तीर्थयात्री बंदरों को तले हुए भोजन कचौड़ी व समोसा देते हैं, जिससे वे बीमार पड़ते हैं।" 


लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सदस्य चिराग पासवान ने हेमा के विचार से सहमति जताई और सदन को सूचित किया कि लुटियंस दिल्ली में भी इसका गंभीर संकट है। पासवान ने कहा, "वहां बंदरों का आतंक है। दिल्ली के लुटियंस क्षेत्र में बंदरों के भय के कारण बच्चे बगीचों में नहीं बैठ सकते।" 


तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने बताया कि कैसे मथुरा की यात्रा के दौरान बंदर ने उनका चश्मा छीन लिया था और बंदर को 'फ्रूटी' दिए जाने के बाद उन्हें चश्मा वापस मिला था। बंद्योपाध्याय ने कहा कि इलाके में लोगों से अपने चश्मे को पॉकेट में रखने का नोटिस लगाया गया है। सांसद ने कहा कि हालात बहुत खतरनाक है और इस मुद्दे से निपटने के लिए सरकार को उचित उपाय करना चाहिए।


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