सोमवार, 4 नवंबर 2019

सभी दावेदारों के नाम दौड़ से बाहर

जिनके नाम दावेदारी में वह सभी हुये दौड़ से बाहर 
विनय कुमार अग्रवाल
ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष को लेकर संगठन में मामला अब और उलझ गया हैं। उम्र 50 के फार्मूले के कारण मंडल अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष पद के लिए पार्टी का जिला संगठन पार्टी के गठन के बाद पहली बार चकरघिन्नी हो रहा है। जिलाध्यक्ष के लिए पार्टी नेताओं के जो नाम लगातार सुर्खियों में थे, अब वह लाइन से बाहर होते जा रहे हैं। अब उम्र का फार्मूला अभी भी संगठन ने नहीं बदला तो पार्टी को किसी नौसिखिये को जिले की कमान मजबूरी में सौंपनी पड़ेगी। 
ज्ञांतव्य है कि भाजपा के राज्य संगठन ने अभी हाल ही में 50 वर्ष तक की उम्र के कार्यकर्ता को ही जिलाध्यक्ष की कमान सौंपने की प्लानिंग की है। जिसके कारण पार्टी के उम्रदराज हो चुके नेताओं के चेहरों की हवाईयां उड़ गई है। जिले के जो बड़े नेता अपने आपको जिले की कमान सम्हालने के योग्य मान रहे थे, सभी एक झटके में ही जिलाध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गये हैं। अभी तक पार्टी जिलाध्यक्ष के लिए जो नाम सबसे आगे चल रहे थे उनमे कमल माखीजानी, अशोक बांदिल, चंद्रप्रकाश गुप्ता, राकेश जादौन, अशोक जादौन, रामेश्वर भदौरिया, उदय अग्रवाल, शरद गौतम, पारस जैन, रामप्रकाश परमार, महेश उमरैया के नाम शामिल थे। लेकिन पार्टी संगठन द्वारा 50 वर्ष की उम्र तक के कार्यकर्ता को ही जिलाध्यक्ष बनाने के निर्णय से यह सभी नेता एक झटके में जिलाध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गये हैं।
अब 50 वर्ष तक की उम्र से कम भाजपा नेता की बात करें तो उसमे विनय जैन से लेकर कुछ नेता पुत्र ही प्रमुख रूप से सामने आते हैं, लेकिन इसमे से किसी को भी सीधे संगठन के जिलाध्यक्ष की कमान सौंपना संभव नहीं है। इसी कारण अब पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर की भी अब प्रदेश में सत्ता हटने से रौनक उड़ गई है। इसलिए वह अब ग्वालियर में जिलाध्यक्ष बनने की जुगत में हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का दामन साधकर जिलाध्यक्ष पद की वैतरणी पार करने की प्लानिंग की है, ताकि निकट भविष्य में वह भितरवार सीट से भाजपा विधायकी की उम्मीदवारी हासिल कर सकें। कुल मिलाकर पार्टी संगठन का उम्र 50 का फार्मूला अब उन्हीं के लिये गले की हडडी बन गया हे। इसमें भाजपा के कुछ नेता अब अपनी उम्र का फर्जी प्रमाण बनवाने की ओर फेर में भी है, ताकि येन केन प्रकारेण कैसे भी जिलाध्यक्ष की कुर्सी हथियाई जा सकें। 
अब भाजपा में वैसे पारस जैन पी.डी. संस का नाम भी जिलाध्यक्ष के लिये दमदार दावेदार के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने भी केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से लेकर पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, सांसद विवेक शेजवलकर और प्रभात झा तक से अपनी जुगलबंदी बिठा ली है। इसमें एक रोचक पहलू यह भी है कि पारस जैन पी.डी. संस के नाम का फायदा उठाकर मुरार के एक भाजपाई पारस जैन भी अध्यक्षी की कुर्सी पर ललचाई निगाह लगाये बैठे है। वह इकलौते केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह के सहारे ग्वालियर जैसे शहर का जिलाध्यक्ष बनना चाहते हैं।


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