मंगलवार, 5 नवंबर 2019

प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य सरकार हुई सख्त

विकास प्राधिकरण के उत्तरदायी अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से 


जिम्मेदार मानकर कड़ी कार्यवाही होगी सुनिश्चित: मुख्य सचिव 


लखनऊ! उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों सहित पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा विगत 04 नवम्बर, 2019 को दिये गये निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने की घटनाओं को पूर्ण रूप से रोकने हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार, थानाध्यक्ष, जिला कृषि अधिकारी, लेखपाल तथा ग्राम पंचायत एवं ग्राम प्रधान के स्तर से हर संभव कदम उठाये जायें। उन्होंने कहा कि कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की घटनाओं के पाये जाने पर प्रत्येक स्तर का मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशों का उल्लंघन मानकर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की अब तक हुई घटनाओं एवं उत्तरदायी व्यक्तियों की इन्वेन्ट्री भी तैयार करायी जाये।


मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज परिपत्र भेजकर समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को दिये हैं। उन्होंने कृषि, नगर विकास, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, लोक निर्माण, ऊर्जा, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, गृह, राजस्व, परिवहन, पशुपालन एवं सूचना सहित सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिवों एवं प्रमुख सचिवों को निर्देश दिये हैं कि मा0 उच्चतम न्यायालय तथा एनवायरमेंट पाॅल्यूशन कंट्रोल अथाॅरिटी (ईपीसीए) द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु अपने स्तर पर प्रतिदिन समीक्षा कर सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराया जाये।
श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों को पूर्ण रूप से बंद कराया जाये। उल्लंघनकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया जाये। उन्होंने कहा कि आदेश का उल्लंघन पाये जाने की दशा में स्थानीय प्रशासन, नगर निगम एवं विकास प्राधिकरण के उत्तरदायी अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माना जायेगा। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोयला आधारित उद्योगों पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन पाये जाने की दशा में भी स्थानीय प्रशासन आदि के उत्तरदायी अधिकारियों के विरुद्ध मा0 सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कूड़ा जलाये जाने की घटनाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि उल्लंघन की दशा में 05 हजार रुपये का जुर्माना अधिरोपित करते हुये उनके विरुद्ध मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन के सम्बन्ध में वैधानिक कार्यवाही करायी जाये। उन्होंने कहा है कि सम्बन्धित स्थानीय निकाय एकत्रित कूड़े के निस्तारण हेतु त्वरित रूप से कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही सुनिश्चित करायें।
मुख्य सचिव ने निर्देशों में कहा है कि रोड डस्ट को नियंत्रित करने हेतु आई0आई0टी0 दिल्ली के परामर्श के अनुसार वाटर स्प्रिंक्लिंग हेतु उचित प्रेशर का प्रयोग किया जाये। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुये कहा है कि अग्रिम आदेशों तक इमरजेन्सी सेवायें हेल्थ केयर सर्विस के अलावा डीजल जनरेटर चलाये जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाये। उन्होंने वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु की जाने वाली कार्यवाही तथा स्थानीय प्रशासन, स्थानीय निकाय, पुलिस एवं ग्राम पंचायतों के उत्तरदायित्व के सम्बन्ध में टेलीविजन, मीडिया, समाचार पत्र, रेडियो आदि के माध्यम से वृहद प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मानकों के विरुद्ध वायु प्रदूषण उद्योगों को तत्काल बंद कराते हुये उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने वायु प्रदूषण के समस्त संभावित स्रोतों यथा-वाहन प्रदूषण आदि के प्रभावी नियंत्रण हेतु कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं।


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