मंगलवार, 19 नवंबर 2019

भौतिक-स्पर्धा से उपजा तनाव

आधुनिक आरामदेह जीवन शैली और भौतिक स्पर्धा के कारण होने वाले तनावों ,,सुलभता से उपलब्ध पैक्ड फूड्स के साथ लगातार एक जगह बैठकर काम करना इस रोग में सहायक हैं .इस रोग ने हमारे देश में बहुत लम्बे पैर पसार लिए हैं और हम विश्व में नंबर एक पर पहुंच चुके हैं .इसका होना हमारे हाथ में हैं .
इंटरनैशनल डायबीटीज फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में आज के समय में करीब 42.5 करोड़ की आबादी डायबीटीज का शिकार है। सोचिए कि यह बीमारी कितना गंभीर रूप ले चुकी है और कितनी तेजी से पांव पसार रही है। शहर ही नहीं बल्कि गांवों में भी अब यह बीमारी तेजी से फैल रही है। हालांकि सही मैनेजमेंट और लाइफस्टाइल व खान-पान के जरिए डायबीटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। 
वैसे तो अब डायबीटीज के ट्रीटमेंट के लिए कई तरह की दवाइयां और इलाज आ गए हैं। लेकिन फिर भी इस बीमारी को लेकर एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है। सबसे पहले तो यह जान लें कि डायबीटीज कैसे होता है।
दरअसल हमारे शरीर में पेन्क्रियाज में मौजूद इंसुलिन फूड में मौजूद ग्लूकोज को सेल्स द्वारा अवशोषित में मदद करता है ताकि उसका इस्तेमाल एनर्जी के लिए किया जा सके। जब इंसुलिन का स्तर घटने लगता है तो फिर ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है जो डायबीटीज का रूप ले लेता है। 
जिस तरह चिलचिलाती गर्मी में आम खाने का अलग ही स्वाद और मजा होता है, ठीक उसी तरह बरसात में जामुन खाने का। जामुन तो लगभग सभी लोग खाते होंगे, लेकिन इसके गुणों और फायदों के बारे में शायद सभी को पूरी जानकारी नहीं होगी। आज हम आपको जामुन और इसकी गुठली के बेजोड़ फायदों के बारे में बताएंगे। लेकिन पहले ये जान लें कि जामुन को दुनियाभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि जम्बुल, ब्लैक प्लम, जावा प्लम या फिर जैम्बलैंग।
डायबीटीज के मरीजों के लिए जामुन के साथ-साथ उसकी गुठली एक बेहतरीन औषधि है। मरीज रोजाना जामुन खाने के अलावा उसकी गुठली के चूर्ण का सेवन भी कर सकते हैं। इसके लिए जामुन की गुठली को सुखाकर पीस लें और उस चूर्ण को रोजाना एक गिलास पानी के साथ लें।
जामुन में भरपूर मात्रा में आयरन होता है जो खून को साफ करने और बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह डायरिया, अपचन जैसी पेट संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करता है।
आपको शायद यकीन न हो लेकिन जामुन बढ़ते वजन से परेशान लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। चूंकि इसमें काफी कम कैलरी होती हैं इसलिए यह वजन कम करने में भी सहायक है।
जामुन को कैंसर के इलाज में भी कारगर माना गया है। साल 2005 में आयी एक स्टडी में दावा किया गया था कि जामुन में कैंसर प्रतिरोधी और कीमोप्रिवेंटिव तत्व होते हैं जो शरीर से फ्री रैडिकल्स को निकालने में मदद करते हैं।
जामुन हमारे दिल का भी ख्याल रखता है और हार्ट संबंधी बीमारियों से बचाव करता है।
जिन लोगों को ब्लड क्लॉट, सांस संबंधी बीमारी या फिर हाइपोग्लाइसिमिया है वे जामुन न खाएं। चूंकि जामुन में क्लॉटिंग तत्व होते हैं इसलिए उन लोगों को जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए जिनकी फैमिली हिस्ट्री भी अगर ब्लड क्लॉट की रही हो। डायबीटीज से पीड़ित लोग भी सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। 
डायबीटीज के लक्षण 
बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के वक्त 
पेशाब करने के बाद पेशाब में चीटियां जमा हो जाना 
बहुत ज्यादा प्यास लगना और मुंह में चिपचिपापन रहना 
पसीने में बदबू ज्यादा होना 
फोड़े-फुंसियां ज्यादा होना 
घाव का जल्दी न भरना 
डायबीटीज के मरीजों के लिए सबसे अहम होता है ब्लड शुगर लेवल को मेनटेन करना। यही वजह है कि इसके मरीजों को खान-पान को लेकर खास सावधानी बरतनी पड़ती है। आमतौर पर माना जाता है कि फ्रूट्स खाना डायबीटीज के मरीजों के लिए सेफ होते हैं लेकिन हाई शुगर वाले फ्रूट्स ऐसे मरीजों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। 
किन लोगों में डायबीटीज होने का ज्यादा खतरा? 
1- वजन ज्यादा होने और हाई ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति डायबीटीज की चपेट में आ सकता है। 
2- अगर शरीर में कलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो जाए तो भी व्यक्ति डायबीटीज का शिकार हो सकता है। 
3- दिल के मरीजों और 40 साल से अधिक उम्र लोगों में डायबीटीज होने का खतरा अधिक रहता है। 
4- आयुर्वेद के अनुसार, वैसे लोग जो उल्टी-सीधी चीजों का सेवन करते हैं, आलस से भरी जिंदगी जीते हैं, नया अनाज ज्यादा खाते हैं, दही का ज्यादा सेवन करते हैं और मीठी चीजें ज्यादा खाते हैं, वे डायबीटीज का शिकार हो सकते हैं। 
5- डायबीटीज होने का कारण है गलत लाइफस्टाइल, खराब खान-पान व आदतें, मोटापा और हॉर्मोन्स का असंतुलन। ये सब चीजें ठीक कर ली जाएं तो फिर डायबीटीज से बचा जा सकता है। 
डायबीटीज के प्रकार 
यह दो तरह की होती है-टाइप 1 और टाइप 2। 
टाइप 1 डायबीटीज बचपन में अचानक इंसुलिन हॉर्मोन का बनना बंद होने के कारण होती है। इसमें बढ़ते ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है। 
टाइप 2 डायबीटीज- यह आमतौर पर गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और बढ़ती उम्र में होती है। इसमें शरीर में इंसुलिन कम मात्रा में बनता है। आंकड़ों के अनुसार, डायबीटीज के ज्यादातर मरीज टाइप 2 डायबीटीज की कैटिगरी में ही आते हैं। अकेले भारत में ही करीब 10 लाख लोग टाइप-2 डायबीटीज का शिकार हैं। अभी भारत में डायबीटीज से पीड़ित 25 वर्ष से कम आयु के हर 4 लोगों में से 1 को टाइप 2 डायबीटीज है। 
डायबीटीज में मीठे के अलावा इन चीजों को खाने से बचें 
1- सूखे फल और ड्राई फ्रूट्स - इनमें मौजूद शुगर हाई कॉर्बोहाइड्रेट की मात्रा के कारण डिस्टर्ब हो जाता है। इसलिए सूखे हुए, पुराने फल खाने की बजाए फ्रेश और सिजनल फ्रूट खाएं। 
2- फ्लेवर्ड योगर्ट-प्लेन योगर्ट में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं जो कि डायबीटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन फ्लेवर्ड योगर्ट में यह गायब होता है जो ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है। 
3- दाल, रोटी, चावल, सब्जी और सलाद जैसे फुल मील की जगह रोटी, सब्जी, सलाद, स्किम पनीर लें। सब्जियों में आलू, मटर, और कॉर्न अवॉइड करें। इसके अलावा वाइट पास्ता खाने के शौकीन हैं, तो उससे भी दूरी बनाकर रखें। 
4- डायबीटीज के मरीजों को बीफ, समान जैसे फूड आइटम्स खाने से भी बचना चाहिए। इनमें सैचरेटेड फैट काफी मात्रा में पाया जाता है। जो कलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ाता है। साथ ही इससे डायबीटीज के मरीजों को दिल से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। 
5- इसके अलावा पैकेज्ड फूड जैसे चिप्स, कुकीज, पीनट बटर जैसी चीजों से भी दूरी बनाकर रखें। ये शरीर में शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। 
6- डायबीटीज के मरीजों को प्रोसेस्ड शुगर लेने से मना किया जाता है ऐसे में लोग नैचरल शुगर लेते हैं। लेकिन इस नैचरल शुगर में भी कार्ब्स पाए जाते हैं जो कि बल्ड शुगर पर वही प्रभाव डालता है जैसे कि वाइट शुगर। 
डायबीटीज से बचने के लिए और क्या करें? 
- डायबीटीज से बचना है तो रोजाना एक्सर्साइज करें और वजन को कंट्रोल में रखें 
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें और आलू, अरबी व शकरकंद जैसी चीजें बिल्कुल भी न खाएं। 
डायबीटीज के इलाज में 'रामबाण' है अमरूद 
अमरूद को डायबीटीज के इलाज में सबसे पावरफुल फ्रूट माना जाता है। इसमें डायटरी फाइबर अत्यधिक मात्रा में होता है, जो कब्ज को दूर करने में मदद करता है। डायबीटीज के मरीजों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है। एक स्टडी के अनुसार, अमरूद का ग्लाइसिमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जिसकी वजह से यह डायबीटीज के मरीजों के लिए एकदम फायदेमंद है। 
आयुर्वेद के अनुसार, डायबीटीज में खाएं ये चीजें 
- सब्जियों में करेला, पालक, लौकी, सहजन, कड़ी पत्ता, खीरा, परवल, मेथी, चने का साग, नींबू, टमाटर आदि खाएं। 
- फलों में संतरा, आंवला, मौसमी, सिंघाड़ा, पपीता, जामुन आदि खाएं। ध्यान रखें कि जामुन के बजाय जामुन की गुठली ज्यादा फायदेमंद है। गुठली को सुखाने के बाद पीसकर पाउडर बना लें, फिर खाएं। 
- जौ और चने के आटे से फायदा होता है। गेहूं, सोयाबीन आदि का मिक्स आटा भी अच्छा है। जितना हो सके, पुराना अनाज खाएं।- मूंग, चना, कुल्थी की दालें अच्छी हैं। 
- खाने में सरसों का तेल इस्तेमाल करें। 
बरतें सतर्कता, डायबीटीज रहेगी दूर 
- डायबीटीज को दूर करने के लिए नियमित रूप से अपना ब्लड शुगर टेस्ट कराएं। खाने से पहले और बाद में ब्लड शुगर के स्तर में क्या अंतर है, इसका रेकॉर्ड रखें। अगर यह स्तर 100-125mg/dL से ज्यादा हो तो सतर्क हो जाएं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 
- ऐसा खाना खाएं जिसमें कैलरी कम हों। तीन वक्त खाना खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा करके 6-7 बार खाएं। 
- टेंशन और स्ट्रेस को दूर रखें व भरपूर नींद लें। इसके अलावा रेग्युलर हेल्थ चेकअप कराएं। 
- सामान्य आटे की रोटियां खाने के बजाय जौ, चना और गेंहूं एक साथ पिसवा लें और उस आटे की रोटियां खाएं। 
- बासी रोटी खाने से भी डायबीटीज कंट्रोल में रहता है। 
इसके अलावा मांस मछली अंडा शराब के साथ पिज़्ज़ा बर्गर आदि नहीं खाये .यह रोग हमारे खान पान ,आहार विहार पर अधिक ध्यान देने से रोग मुक्त के साथ रोग से ग्रसित नहीं होते हैं .
यह एक ऐसा रोग हैं जो हमारे शरीर के प्रत्येक सिस्टम पर प्रभाव डालता हैं
दूसरा एक बार ग्रसित होने के बाद दवा लेने का क्रम नहीं छोड़ना चाहिए।


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