शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2019

स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल शामील

नई दिल्ली। भारत नए हथियारों को अपने बेड़े में शामिल कर अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में अब एक नई मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल किया गया है। यह इजराइल की स्पाइक मिसाइल है। आधुनिक तकनीक से बनी इस मिसाइल को टैंक किलर्स के नाम से भी जाना जाता है। स्पाइक एक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है, जो काफी ताकतवर हथियार के रूप में भारतीय थल सेना में शामिल हुई है। यह अपने वार से दुश्मन के टैंक को ध्वस्त कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, इजराइल से स्पाइक मिसाइलों का पहला जत्था करीब 10 दिन पहले ही भारत पहुंच चुका है। इसमें 210 स्पाइक मिसाइलों के साथ-साथ दर्जनों लॉन्चर्स भी भारतीय सेना में शामिल किए गए हैं। इंडियन इंफैंट्री में शामिल इस हथियार की ताकत से अब पाकिस्तान खौफ खाएगा। क्योंकि भारत के पास अब वो हथियार है जिससे पश्चिमी हिस्से में पाकिस्तान के बढ़ते टैंक्स को आसानी से ध्वस्त किया जा सकता है। इस स्पाइक मिसाइल की क्षमता चार किलोमीटर दूरी तक वार करने की है। इसे 30 सेकेंड में लॉन्च किया जा सकता है। जबकि रीलॉन्च के लिए यह मिसाइल महज 15 सेकेंड में तैयार हो सकती है। यह मिसाइल रात के अंधेरे में भी दुश्मन को पहचान कर सही वार कर सकती है। भारत ने करीब 280 करोड़ रुपये में इस्राइल से ये मिसाइलें खरीदी हैं। 


इजराइल के साथ इन मिसाइलों की डील भारत द्वारा पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक से भी जुड़ी है। जब 26 फरवरी को भारतीय मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों को तबाह किया। उसके बाद ही भारत ने इन मिसाइलों की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू की। इसके पहले भारत उस मिसाइल का इंतजार कर रहा था जो रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ तैयार कर रहा है। डीआरडीओ मैन पोर्टेबल एंटी टैंग गाइडेड मिसाइल विकसित कर रहा है। पिछले महीनों में ही आंध्र प्रदेश के कर्नूल रेंज में तीन बार इन मिसाइलों का सफल परीक्षण भी किया गया। डीआरडीओ का कहना है कि वह 2020 तक यूजर ट्रायल के लिए ये मिसाइल तैयार कर देगा।


सेना के एक अधिकारी के अनुसार अगर डीआरडीओ अगले साल तक मिसाइल नहीं देता है, तो इजराइल से फिर से स्पाइक मिसाइलें मंगाई जाएंगी। यह स्वदेशी मिसाइल तीसरे जेनरेशन की होगी। 2.5 किमी तक की रेंज में आक्रमण के लिए तैयार टैंक्स को ध्वस्त कर सकेगी। इंफ्रारेड इमेजिंग तकनीक से लैस होगी, जिससे दुश्मन के टैंक की पहचान आसान हो सकेगी। अभी सेना के पास सेकेंड जेनरेशन मिलान-2टी (दो किमी रेंज) और कोंकर्स (4 किमी रेंज) एटीजीएम हैं। इन्हें फ्रेंच और रशियन कंपनियों ने बनाया है। लेकिन इनमें रात को लड़ने की क्षमता नहीं है। बता दें कि इसके पहले 2017 में भारत ने 8,356 स्पाइक मिसाइलों, 321 लॉन्चर्स और 15 सिमुलेटर्स की एक डील रद्द कर दी थी। वह डील करीब 3200 करोड़ रुपये की थी।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...