शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2019

दूध के मूल्य को लेकर दूधिया की हड़ताल

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में कुछ दूधियों द्वारा एकाएक दाम वृद्धि को लेकर गुरुवार से शुरू की गई हड़ताल का शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही। दो दिन से जनता दूध को लेकर परेशान हो रही है लेकिन जिला प्रशासन में बैठे कलेक्टर, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। ऐसा लग रहा है कि जिला प्रशासन में बैठे अफसरों की भी इस हड़ताल को मौन स्वीकृति है। इधर दो दिन से जनता परेशान हो रही है लेकिन इस जनता की कोई सुध लेने वाला कोई नहीं। आक्रोशित जनता के कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि जिला प्रशासन में बैठे लोगों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत इस मामले में कार्रवाई करना चाहिए। जो दूधिए जिले की सीमा पर दूसरे दूध बेचने वाले व दुकानदारों को दूध बेचने से रोक रहे हैं उन पर कानून कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए। क्योंकि दूध की किल्लत से जनता परेशान है और इस तरह से मनमानी नहीं होना चाहिए।
जनता पर बोझ बढ़ाने बना रहे हैं दबाव-
ग्रामीण क्षेत्र के दूधिए मनमानी कर एक बार फिर से जनता पर बोझ और उसे लूटने की तैयारी में है। जबकि पिछले साल ही इन दूधियों ने तीन से चार रुपए की वृद्धि एक हड़ताल के जरिए करवाई थी। इस साल अच्छी बारिश के बाद भूसे और चारे के दाम कम हुए हैं ऐसे में यह दूधिए दूध का पैसा क्यों बढ़वाना चाहते हैं। कई जानकारों ने बताया कि हड़ताल का डर दिखाकर जनता से यह लूट हर साल हो रही है।
पिछले बार भी इसी तरह हड़ताल कर बढ़ावाए थे दाम-
जनता ने बताया है कि इस मनमानी पर रोक लगाना जरूरी है। शिवपुरी में पिछले दो साल में शिवपुरी में दूध के दामों में 10 से 12 रुपए तक की वृद्धि हो चुकी है। शिवपुरी में ही ऐसा क्यों हो रहा है। बताया जा रहा है कि एक संगठित रैकेट इस काम में सक्रिय है और दूधियों का बहाना बनाकर के दूध के रेट हर साल बढ़ाए जाते हैँ इसके बाद फुटकर विक्रेता व डेयरी संचालक भी अपना कमीशन बढ़ा देते हैं। इस बढ़े हुए दामों की मार जनता पर पड़ती है।


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