कौशाम्बी। जनपद बनने के 22 वर्ष बाद भाजपा की योगी सरकार ने जनपद मुख्यालय मंझनपुर में रोडवेज बस स्टाप डिपो वर्कशाप के निर्माण की मंजूरी दी है। इसके निर्माण के लिए 8 करोड 58 लाख की लागत स्वीकृत कर 3 करोड 58 लाख रूपये सरकार ने परिवहन विभाग को अवमुक्त कर दिया है। 23 दिसम्बर 2018 से शुरू हुए इस कार्य को 10 महीने बीत जाने के बाद भी 30 प्रतिशत भी कार्य पूरा नही हो सका है। जबकि कार्य पूर्ण होने की अवधि में पांच महीने से कम शेष है।
बता दें कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के अर्न्तगत बस स्टेशन के निर्माण की कार्य पूर्ण होने की अवधि 20 मार्च 2020 रखी गयी है। सूबे के मुख्यमंत्री को गुमराह कर कार्यदायी संस्था के जिम्मेदारो ने शासन को यह रिर्पोट भेज दी है कि वर्कषाप का 70 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है जबकि यह सरासर गलत है। वही सिलेप और प्लास्टर के कार्य पूर्ण स्तर पर होने की रिर्पोट बीते सितम्बर माह में ही शासन को भेजी जा चुकी है।
जबकि कार्य पूर्ण होने के स्तर पर अभी नही है विभागीय रिर्पोट पर गौर करे तो बस स्टाप भवन बाउण्ड्री वाल 60 प्रतिशत पूर्ण है जबकि बाउण्ड्री वाल की सतह को सडक से नीचे रखकर सरकारी रकम डकारने की कोशिश की गयी है यदि सडक की ऊचाई से बाउण्ड्री वाल की स्वीकृत ऊचाई की नाप करायी जाये तो ठेकेदार की कलई खुलना तय है।
बस स्टाप का भवन के निर्माण का अभी 30 प्रतिशत भी कार्य नही पूर्ण हो सका है। टायलेट गार्ड रूम आदि को स्लेप स्तर पर रिर्पोट भेजी जा चुकी है। जबकि अभी जमीन समतल का कार्य तक ठेकेदार नही कर सके है। रोडवेज बस स्टाप के निर्माण में व्याप्त धांधली का आलम यह है कि प्रथम श्रेणी की ईट स्वीकृत होने के बावजूद तृतीय श्रेणी की पटसेम ईट लगाकर रोडवेज बस स्टाप के भवन और बाउण्ड्री वाल बनाये गये है। सीमेंन्ट बालू का अनुपात भी स्वीकृत योजना के विपरीत है!
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