नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर फैसला आने से पहले सभी पक्ष आपसी भाईचारे और शांति की अपील कर रहे हैं। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। बता दें कि 16 अक्टूबर को शीर्ष अदालत की 5 सदस्यीय संविधान बेंच अयोध्या विवाद पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आरएसएस ने ट्वीट कर कहा, 'आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है। निर्णय जो भी आए उसे सभी ने खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देशभर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है।' गौरतलब है कि वीएचपी और बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी फैसले के बाद भाईचारा बनाए रखने की बात कही थी।
माना जा रहा है कि 17 नवंबर से पहले शीर्ष अदालत इसपर फैसला सुना सकती है। संवैधानिक बेंच में सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर शामिल हैं। बता दें कि 17 नवंबर को चीफ जस्टिस गोगोई रिटायर हो रहे हैं और उनके रिटायरमेंट के पहले फैसला आने की उम्मीद है।
गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019
अयोध्या फैसला खुले मन से स्वीकार करें
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