शनिवार, 14 सितंबर 2019

प्रदूषण नियंत्रण में सबसे फिसड्डी प्रशासन

पवन बंसल


गाजियाबाद। लोनी स्‍थित आर्यनगर,रूपनगर,लक्ष्मी गार्डन,बेहटाहाजीपुर,डीएलएफ अंकुर विहार के साथ मिलक गुजरान,विकास नगर, चमनविहार, बंथला चौकी क्षेत्र में अफजलपुर गांव के पास सैकडों जींस रंगाई डाई फैक्टरियां चल रहीं हैं। रूपनगर एवं आर्यनगर को छोड़कर अधिकांश फैक्टरियों का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। रूपनगर एवं आर्यनगर औद्योगिक क्षेत्र की अधिकांश जींस फैक्टरियों में दिखावे के लिए ईटीपी तो बने हैं, लेकिन वह बंद पडे रहते और उनसे निकलने वाले दूषित पानी को सीधा नालों में बहा दिया जाता है। जिसके कारण क्षेत्र का भूजल दूषित हो गया है।अंधाधुंध भूजल दोहन से निरंतर गिर रहा है भूजल स्तर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर सैकडों की संख्या में चल रहीं जींस फैक्टरियों में अंधाधुंध भूजल दोहन किया जाता है। जिसके कारण क्षेत्र का भूजल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। गत एक वर्ष के दौरान भूजल स्तर 60 फुट से करीब 100 फुट पर पहुंच गया है। जिसके कारण क्षेत्र में लगे अधिकांश सरकारी हैंडपम्प फैल हो गए है तथा उन्हे रिबोर कराना पड रहा है। नगर पालिका क्षेत्र में करीब 13 सौ सरकारी हैंडपम्प लगे हुए है, लेकिन अधिकांश फैल हो चुके हैं। जिनको नगर पालिका जलनिगम से रिबोर करा रही है। क्षेत्रवासियों ने सभी अवैध जींस रंगाई फैक्टरियों को बंद कराने की मांग की है।30 सितम्बर के बाद सीजीडब्लूए की अनुमति के बिना नही चलेगी फैक्टरियां भूजल दोहन करने वाली सभी फैैक्टरियों को 30 सितम्बर 2019 तक सेन्ट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी सीजीडब्लूए से एनओसी लेनी होगी। जिन फैक्टरियों के पास  एनओसी नही होगी वह नही चल सकेगी और स्थानीय प्रशासन को उन्हे बंद करना पडेगा। एनजीटी ने कई माह पूर्व यह आदेश जारी किए थे। लोनी में चल रही अधिकांश बर्फ एवं जींस रंगाई आदि भारी मात्रा में भूजल दोहन करने वाली फैक्टरियों के पास सीजीडब्लूए की एनओसी नही है।


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