सोमवार, 30 सितंबर 2019

औद्योगिक विवाद का समाधान-निर्णय

इस अधिनियम के तहत औद्योगिक विवादों के समाधान और निर्णय के लिए एक सांविधिक तंत्र का गठन किया गया है। इसमें निम्‍नलिखित शामिल हैं।


अधिनियम में उपयुक्‍त सरकार द्वारा 'समझौता अधिकारियों' की नियुक्ति का प्रावधान, जिन्‍हें औद्योगिक विवादों के निपटारे में मध्‍यस्‍थता करने और उसका समर्थन करने का कार्य सौंपा गया है। उन्‍हें किसी विशेष क्षेत्र अथवा विशेष क्षेत्र में विशेष उद्योगों अथवा एक अथवा एक से अधिक विशेष उद्योगों के लिए स्‍थायी तौर पर अथवा सीमित अवधि के लिए नियुक्‍त किया जाएगा। कर्मचारियों और नियोजकों को मिलाना तथा उनके मतभेदों का निवारण करने में उनकी मदद करना इन अधिकारियों का कर्त्तव्‍य है। यदि विवाद का निपटारा हो जाता है तो वह इस आशय की सूचना उपयुक्‍त सरकार को देगा।उपयुक्‍त सरकार अवसर आने पर एक समझौता बोर्ड का गठन करेगी जिसमें एक अध्‍यक्ष और दो या चार जैसा कि उपयुक्‍त सरकार उचित समझेगी, अन्‍य सदस्‍य शामिल होंगे। अध्‍यक्ष एक स्‍वतंत्र व्‍यक्ति होगा और अन्‍य सदस्‍य विवाद में पक्षों का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए एक समान संख्‍या में नियुक्‍त किए गए व्‍यक्ति होंगे। जहां विवाद बोर्ड को भेजा गया हो तो बोर्ड बिना विलम्‍ब किए, विवाद की छानबीन करेगा और ऐसी हर कार्रवाई करेगा जो वह पक्षकारों को विवाद का न्‍यायसंगत और शांतिपूर्ण निपटारा करने के लिए प्रेरित करने के प्रयोजन से उचित समझेगा।उपयुक्‍त सरकार अवसर आने पर ऐसी किसी मामले जो औद्योगिक विवाद से संबंधित अथवा संगत प्रतीत हो, की जांच पड़ताल करने के लिए 'जांच न्‍यायालय' का भी गठन करेगी। तत्‍पश्‍चात यह सामान्‍यतया शुरू होने के छह माह की अवधि के अंदर इसकी सूचना सरकार को देगा इस न्‍यायालय में एक स्‍वतंत्र व्‍यक्ति अथवा उतने स्‍वतंत्र व्‍यक्ति होंगे जितने उपयुक्‍त सरकार उचित समझेगी और जहां इसमें दो अथवा दो से अधिक सदस्‍य निहित होंगे उनमें से एक की नियुक्ति अध्‍यक्ष के रूप में की जाएगी।उपयुक्‍त सरकार एक अथवा एक से अधिक 'श्रम न्‍यायालयों' का गठन करेगी जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्‍ट किसी मामले से संबंधित औद्योगिक विवादों जैसे कि स्‍थायी आदेशों, कर्मचारियों की सेवा मुक्‍त अथवा बर्खास्‍त करने, गैर कानूनी रूप से अथवा अन्‍यथा की गई हड़ताल अथवा तालाबंदी, प्राप्‍त हो रहे किसी लाभ को वापस लेने, आदि से संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेंगे और उन्‍हें इस अधिनियम के तहत सौंपे गए किन्‍हीं अन्‍य कार्यों का निर्वहन करेंगे। श्रम न्‍यायालय में केवल एक व्‍यक्ति शामिल होगा जिसकी नियुक्ति उपयुक्‍त सरकार द्वारा की जाएगी।उपयुक्त सरकार एक अथवा एक से अधिक 'औद्योगिक अधिकरणों' का गठन करेगी जो किसी भी मामले के संबंध में चाहे वह दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्‍ट हो अथवा तीसरी अनुसूची में, हुए औद्योगिक वि‍वादों पर निर्णय लेंगे और इस अधिनियम के तहत उन्‍हें सौंपे गए किन्‍हीं अन्‍य कार्यों का निर्वहन करेंगे। इस अधिकरण में केवल एक ही व्‍यक्ति शामिल होगा जिसकी नियुक्ति उपयुक्‍त सरकार द्वारा की जाएगी। तीसरी अनुसूची में वेतन, बोनस, भत्ते और कुछ अन्‍य लाभ, कार्य की दशाएं, अनुशासन, यौक्तिकीकरण, छंटनी और प्रतिष्‍ठान की समाप्ति जैसे मामले शामिल हैं।


केन्‍द्र सरकार सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा एक अथवा एक से अधिक राष्‍ट्रीय औद्योगिक अधिकरणों का गठन करेगी जो उन औद्योगिक विवादों पर निर्णय लेंगे जो केन्‍द्र सरकार की राय में राष्‍ट्रीय महत्‍व के प्रश्‍नों से संबंधित हों अथवा इस किस्‍म के हों कि उनसे एक से अधिक राज्‍यों में स्थित औद्योगिक प्रतिष्‍ठानों का हित जुड़ा हो अथवा वे ऐसे विवादों से प्रभावित हो सकते हों। ऐसे अधिकरण में केवल एक व्‍यक्ति शामिल होगा जिसकी नियुक्ति केन्‍द्र सरकार द्वारा की जाएगी।


अधिनियम में नियोक्‍ता के लिए यह अनिवार्य है कि वह किसी ऐसे औद्योगिक प्रतिष्‍ठान में जहां पिछले बारह महीनों में पचास अथवा इससे अधिक कर्मचारियों को नियुक्‍त किया गया है, एक 'शिकायत निपटान प्राधिकरण (जीएसए)' की स्‍थापना करें। उस प्रतिष्‍ठान में नियुक्‍त हर कर्मचारी के औद्योगिक विवादों को निपटाना उस प्राधिकरण की जिम्‍मेदारी होगी।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...