चंडीगढ़। कुछ महीने पहले ही हरियाणा सरकार ने ग्रुप-डी के 18,218 पदों की भर्ती पूरी की है। बिना पर्ची खर्ची का ढोल पीटते हुए सरकार ने खूब वाहवाही लूटी थीं। लेकिन अब इन्हीं 18218 पदों में से स्पोर्ट्स कोटे से पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगे युवाओं को बर्खास्त किया जाएगा। बर्खास्तगी की प्रक्रिया कुछ विभागों ने शुरू भी कर दी है। इससे उन युवाओं में हड़कंप मच गया है, जो पुरानी खेल पॉलिसी के अनुसार ग्रेडेशन सर्टिफकेट बनवाकर नौकरी लगे थे।
इस समय पशुपालन विभाग और पीडब्ल्यूडी में कई युवाओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। अन्य विभागों में भी ऐसे युवाओं से ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था, जो निकल चुका है। वहीं, 8 माह बाद नौकरी से हटाए जाने पर कई युवा हाईकोर्ट में चले गए हैं। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से पिछले साल भर्ती प्रक्रिया शुरू कर जनवरी में जींद उपचुनाव से पहले ही इन पदों पर जॉइनिंग दी गई थी।
580 सर्टिफिकेट ही बने थे तो 1518 को जॉइनिंग क्यों
अब सवाल उठता है कि जब सरकार ने नई पॉलिसी लागू कर दी तो पुरानी पॉलिसी के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट वाले युवाओं को नौकरी क्यों दी गई। देखने वाली बात यह भी है कि नई पॉलिसी के अनुसार इस भर्ती तक केवल 580 ग्रेडेशन सर्टिफिकेट ही बने थे। ऐसे में जॉइनिंग के वक्त ही यह क्यों नहीं देखा गया कि जब 580 सर्टिफिकेट ही बने हैं तो 1518 की जॉइनिंग कैसे हो गई। क्या जींद उपचुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए सबकुछ ताक पर रखकर जल्दबाजी में किया गया?
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