रविवार, 22 सितंबर 2019

ग्रीन बेल्ट में कूड़ा घर बनाने का विरोध

ग्रीन बेल्ट में कूड़ा घर बनाने का विरोध 


देव गुर्जर


गौतमबुध नगर। नोएडा प्राधिकरण सेक्टर 93 में एक्सप्रेस व्यू अपार्टमेंट के ठीक सामने ग्रीन बेल्ट में कूड़ा घर बना रहा है। एक्सप्रेस व्यू अपार्टमेंट, लाल क्वार्टर और आसपास की दूसरी सोसायटी के लोग इस कूड़ा घर का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि कई बार विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से निवेदन करने और तकनीकी जानकारियां देने के बावजूद यह कूड़ा घर बनाया जा रहा है। अब लोगों ने मजबूर होकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बनाई है। एक्सप्रेस व्यू अपार्टमेंट के निवासी और एओए के सीओओ सुजीत कुमार पांडेय का कहना है कि ग्रीन बेल्ट में कूड़ा घर बनाने का नियम कहां से आया, हम यह नहीं समझ पा रहे हैं। विकास प्राधिकरण के नक्शे और प्लानिंग में कहीं कूड़ा घर की जगह चिन्हित नहीं की गई है। विकास प्राधिकरण के अधिकारी केवल अपने अहंकार की तुष्टि के लिए यहां कूड़ा घर बना रहे हैं। हम लोग अब तक विकास प्राधिकरण से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पांच चिट्ठियां लिख चुके हैं। विकास प्राधिकरण की ओर से हमारे चिट्ठी का जवाब तक देना मुनासिब नहीं समझा गया है।


सुजीत पांडेय बताते हैं कि इस ग्रीन बेल्ट का इस्तेमाल आसपास रहने वाले हजारों परिवार कर रहे हैं। ग्रीन बेल्ट के नीचे से सीएनजी की पाइप लाइन गुजर रही है और नजदीक ही ट्रांसफार्मर भी रखा हुआ है। जहां पूरा कूड़ा घर बनाया जा रहा है, उसके बराबर में ही वाटर पंपिंग स्टेशन भी लगा हुआ है। इन सब सुविधाओं के नजदीक कूड़ा घर का निर्माण करना बेतुकी बात है। अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के सचिव एनके यादव इस मुद्दे पर कहते हैं कि हम लोगों ने विकास प्राधिकरण को आसपास कई और जगह दिखाई हैं, जो विकास प्राधिकरण की जमीन है। उन जमीनों पर कूड़ा घर बनाया जा सकता है। क्योंकि वहीं से होकर गंदा नाला गुजरता है लेकिन, विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से इन जगहों पर नर्सरी और पौधे बेचने की दुकान में खुली गई हैं। जिनसे विकास प्राधिकरण के अफसर वसूली करते हैं। सुजीत कुमार पांडेय कहते हैं कि विकास प्राधिकरण के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं तो हम लोगों को मजबूर होकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। हम लोग हाईकोर्ट में विकास प्राधिकरण के खिलाफ रिट दायर कर रहे हैं। हम यह भी मांग करेंगे कि इस कूड़ा घर के निर्माण पर होने वाले खर्च और इसको तोड़ने से होने वाली बर्बादी के पैसे की वसूली भी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की तनख्वाह से की जाए। विकास प्राधिकरण, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नोएडा के बिल्डिंग बायलॉज और मास्टर प्लान के खिलाफ जाकर या कूड़ा घर बना रहा है।


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