सोमवार, 16 सितंबर 2019

6 माह बाद धरातल पर काम नहीं

अमृत मिशन में 209 करोड़ की मंजूरी, वर्कआर्डर के 6 माह बाद भी धरातल पर काम नही
छत्तीसगढ़। हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी नगर निगम ने नालियों से जर्जर पाइपलाइन को बदलने में तत्परता नहीं दिखाई।


जबकि 6 माह पहले शासन ने अमृत मिशन फेज 2 इस कार्य के लिए दो चरणों में 209 करोड़ की राशि मंजूर की। प्रथम चरण में 112 करोड़ और दूसरे चरण में 97 करोड़ की स्वीकृति के बाद भी शहर के 70 फीसदी इलाके में पुरानी पाइपलाइन जगह-जगह लीकेज बना हुआ है।नतीजतन नाली की गंदगी जर्जर पाइपलाइन के जरिए रिसकर लोगों के घरों में नलों के माध्यम से पहुंच रहा है। दरअसल शहर के 70 वार्डाें में रहने वाले 14 लाख बाशिंदों को नगर निगम साफ पानी मुहैया कराने में नाकाम रहा है।दर्जनों रहवासी इलाके ऐसे हैं, जहां बजबजाती नाली से पीने के पानी की पाइपलाइन गुजरी है। पाइपलाइन 5 दशक पुरानी होने की वजह से जगह-जगह लीकेज है। यही वजह है, दूषित पानी के सेवन से शहर में पीलिया से मौत और जलजनित बीमारियों का अंदेशा बना हुआ है। निगम प्रशासन ने जर्जर पाइपलाइन को बदलने के लिए जोनवार प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा।


इस पर अमृत मिशन में 209 करोड़ पाइपलाइन शिफ्टिंग के लिए स्वीकृत किए। मुंबई की कंपनी इंडियन ह्यूम पाइप को इसके लिए ठेका दिया गया है। पर अभी तक जोनवार पाइपलाइन की जरूरत के हिसाब से ड्राइंग डिजाइन से बात आगे नहीं बढ़ी।प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है, शहरभर की पुरानी पाइपलाइन को चेंज करने की योजना है, इसके लिए जोन के माध्यम से वहां की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ड्राइंग डिजाइन बनाई गई।पाइप का आर्डर करने के बाद सप्लाई में 3 माह का समय लग गया।


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