गुरुवार, 22 अगस्त 2019

सावरकर की मूर्ति पर जूतों की माला!

नई दिल्ली। आज आधी रात को एनएसयूआई के 20 कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह और, सुभाष चंद्र बोस को माला अर्पण और सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह अमर रहे के नारे लगाए। लेकिन वहीं पर सावरकर की मूर्ति पर जूते माल्यार्पण किया और कालिख पोत दी। दिल्ली एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा का कहना है कि विश्वविद्यालय हमारी और आपकी है किसी की बाप की नहीं। विनय दामोदर सावरकर को भगत सिंह और नेताजी बोस की आड़ में वीर घोषित करने का असफल प्रयास किया है। सावरकर एक संघ का सेवक और देश का ग़द्दार था। इस यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का तुगलकी फरमान चल रहा था ।24 घंटे से यूनिवर्सिटी प्रशासन अपाहिज बनकर तमाशा देख रहा था। मुझे इसलिए कदम उठाना पड़ा कि एक मुखबीर, ग़द्दार की कैसे लोग इस यूनिवर्सिटी में मूर्ति लगा सकते हैं। वह भी रातों-रात और यूनिवर्सिटी प्रशासन तमाशा देखते रह गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन आरएसएस के बच्चा इकाई एबीवीपी के इशारों पर चल रहा है।


अक्षय लाकडा


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