शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

प्राकृतिक-चिकित्सा, चिकित्सा-दर्शन

प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) एक चिकित्सा-दर्शन है। प्राकृतिक चिकित्सा के अन्तर्गत रोगों का उपचार व स्वास्थ्य-लाभ का आधार है। जिसमें किसी प्रकार की औषधि अथवा दवाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह हमारे रोजमर्रा के आहार और खान पान पर ही निर्भर रहता है। 'रोगाणुओं से लड़ने की शरीर की स्वाभाविक शक्ति' होती है जिसको सद्दड़ और अधिक प्रभावशाली बनाने के प्रयास किए जाते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा के अन्तर्गत अनेक पद्धतियां हैं जैसे - जल चिकित्सा, होमियोपैथी, सूर्य चिकित्सा, एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर, मृदा चिकित्सा आदि। यह सभी चिकित्सा पद्धति औषधि मुक्त है। इसमें प्राकृतिक अवयवों को ही आधार मानकर उन्हीं के आधारभूत रोग अथवा समस्या को समझा जाता है। उसके समाधान के लिए प्राकृतिक उपकरण, आहार अथवा क्रियाओं को उपयोग में लाया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचलन में विश्व की कई चिकित्सा पद्धतियों का योगदान है; जैसे भारत का आयुर्वेद तथा यूरोप का 'नेचर क्योर'।


प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली चिकित्सा की एक रचनात्मक विधि है। जिसका लक्ष्य प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्त्वों के उचित इस्तेमाल द्वारा रोग का मूल कारण समाप्त करना है। यह न केवल एक चिकित्सा पद्धति है बल्कि मानव शरीर में उपस्थित आंतरिक महत्त्वपूर्ण शक्तियों या प्राकृतिक तत्त्वों के अनुरूप एक जीवन-शैली है। यह जीवन कला तथा विज्ञान में एक संपूर्ण क्रांति है। भारतीय पुस्तक आयुर्वेद में इस प्रकार के कई विवरणों का उल्लेख है जिसमें प्राकृतिक विधाओं के द्वारा उपचार और चिकित्सा संभव की जाती है।


इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक भोजन, विशेषकर ताजे फल तथा कच्ची व हलकी पकी सब्जियाँ, अनाज, तेल ,तिलहन ,खांडसारी और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के द्वारा नाड़ी तंत्र, इंद्री तंत्र ,ज्ञान इंद्री तंत्र अथवा कर्म इंद्रियों के द्वारा रोग को समझा जाता है और उसके अनुरूप ही प्राकृतिक संसाधनों के द्वारा रोग का निवारण किया जाता है। विभिन्न बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। प्राकृतिक चिकित्सा निर्धन व्यक्तियों एवं गरीब देशों के लिये विशेष रूप से वरदान है। जो व्यक्ति पहले से ही किसी रोग से ग्रसित है उसके लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है जीवन उपयोगी है। जो व्यक्ति शल्य चिकित्सा अथवा अन्य किसी चिकित्सा पद्धति में विश्वास नहीं रखता है उसके लिए प्राकृतिक चिकित्सा सर्वश्रेष्ठ है।


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