बीसलपुर बांध के पानी के भेदभाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
अजमेर की एडवोकेट अल्पना शर्मा ने दायर की जनहित याचिका।
अजमेर। जिले के एक मात्र पेयजल के स्त्रोत बीसलपुर बांध के पानी में हो रहे भेदभाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अजमेर निवासी एडवोकेट अल्पना शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर जल्द सुनवाई होगी। याचिका में कहा गया है कि बीसलपुर बांध का निर्माण अजमेर की प्यास बुझाने के लिए किया गया था, लेकिन अब अजमेर के बजाए जयपुर को प्राथमिकता दी जा रही है। अजमेर में दो-तीन दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है जबकि बीलसुपर बांध से पानी लेकर जयपुर को रोजाना पेयजल की सप्लाई की जा रही है। इस भेदभाव की ओर कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन आज तक भी भेदभाव समाप्त नहीं हुआ है। याचिका में सवाल उठाया गया है कि जब बीसलपुर बांध से जयपुर को रोजाना सप्लाई की जा सकती है तो फिर अजमेर को क्यों नहीं? सरकार ने बांध से पानी को जयपुर ले जाने के लिए तो अनेक योजनाएं बना दी, जबकि अजमेर के लिए अतिरिक्त योजना नहीं बनाई गई। यही वजह है कि अजमेर में शहरी क्षेत्र में दो-तीन दिन में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दस दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है। याचिका में कहा गया है कि जयपुर को बांध से पानी सप्लाई पर ऐतराज नहीं है, लेकिन पहले अजमेर की मांग पूरी की जाए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि की मांग को अधूरा रख कर जयपुर में पेयजल की सप्लाई की जाए। याचिका के साथ आरटीआई में प्राप्त दस्तावेज भी संलग्न किए गए हैं, जिनसे साफ पता चलता है कि बीसलपुर बांध के पानी को लेकर भेदभाव हो रहा है। याचिका में आग्रह किया गया कि अजमेर जिले में मांग के अनुरूप पेयजल की सप्लाई सुनिश्चित की जाए। अब जब बीसलपुर बांध इस बार क्षमता के अनुरूप भर गया है तो अभी से ही भेदभाव को समाप्त करवाया जाए। बीसलपुर बांध का जो पानी ओवरफ्लो हो रहा है उसे भी अजमेर के तालाबों में डालने की योजना बनाई जाए। जयपुर में पेयजल के कई विकल्प हैं, जबकि अजमेर जिले के लोग पूरी तरह बीसलपुर बांध पर ही निर्भर हैं। बीसलपुर बांध की दूरी 132 किलोमीटर है। पाइप लाइन के जरिए बांध से पानी को अजमेर तक लाया जाता है। याचिका के संबंध में और कोई जानकारी अथवा सुझाव देने के लिए मोबाइल नम्बर 7042767297 पर एडवोकेट अल्पना शर्मा से संवाद किया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल
गुरुवार, 29 अगस्त 2019
पानी भेदभाव का मामला पहुंचा एससी
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