बुधवार, 21 अगस्त 2019

मनरेगा में भ्रष्टाचार,मजदूरों में रोस बढा

जांच में पकड़ा नौ लाख का घोटाला


 ऊसराहार। ताखा ब्लाक क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवासों की मजदूरी में घोटाले को लेकर मनरेगा उपायुक्त की जांच में नौ लाख रुपये का घोटाला पकड़ लिया गया है। मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर. ने रिकवरी और दोषियों पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश कर दिए हैं। इसके बावजूद अभी तक इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका है। बीडीओ ताखा अभी तक दोषी कर्मी चिह्न्ति नहीं कर सके हैं। इससे मजदूरी से वंचित मजदूरों में रोष बढ़ रहा है।
ताखा विकास खंड क्षेत्र में आवासों की मनरेगा मजदूरी में हुए घोटाले में नौ लाख रुपये गोलमाल होने की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दोषियों से वसूली के साथ ही मुकदमा दर्ज कराने के आदेश खंड विकास अधिकारी ताखा पीएन यादव को दिया गया है। जांच समिति द्वारा की गई जांच के आधार पर इन वर्षों में खंड विकास कार्यालय ताखा में कार्यरत रहे कर्मचारियों का ब्योरा खंड विकास अधिकारी पीए यादव द्वारा निकलवाने की बात कही जा रही है चूंकि इस कार्यवाही की जद में कई कर्मचारियों के साथ रोजगार सहायकों को घोटाले के लिए दोषी माना गया है ऐसे में वह सभी कर्मचारी जो संबंधित मामलों के समय रहे होंगे दोषी माने गए हैं। इस संबंध में बीडीओ पीएन यादव का कहना है कि जांच रिपोर्ट में कौन कर्मचारी दोषी है इसका उल्लेख नहीं है। इसके साथ इतने बड़े मामले में विकास खंड कार्यालय में तैनात रहे तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में संबंधित कर्मियों को नोटिस जारी करके तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगेंगे। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।


फर्जी जॉब कार्ड बनाकर हड़पी मजदूरी: ऊसराहार : ताखा ब्लाक क्षेत्र में बीते सात सालों में विकास कार्य कम, घोटाला ज्यादा हुए हैं। आवास मजदूरी घोटाला में यह तथ्य महज चार ग्राम पंचायतों की जांच होने पर दस लाख रुपये की धनराशि फर्जी जॉब कार्ड बनाकर हड़पे जाने की रिपोर्ट से स्पष्ट हो गई है। जांच समिति आरोपी कर्मियों को चिह्नित नहीं कर पा रहा है। अधिकांश शिकायतकर्ता जांच में लीपापोती का आरोप लगाकर डीएम से जिला स्तरीय पैनल द्वारा जांच कराने की मांग कर रहे हैं।


विकास खंड ताखा की 42 ग्राम पंचायतों में से आधी ग्राम पंचायतों में आवास लाभार्थियों की बड़ी संख्या में शिकायतें सामने आई थी कि उन्हें मनरेगा मजदूरी की धनराशि नहीं मिली है इसके बाद इन सभी मामलों की जांच मनरेगा उपायुक्त शौकत अली के नेतृत्व में जांच समिति कर रही है चार ग्राम पंचायत की ही जांच में दस लाख रुपये के करीब का घोटाला स्पष्ट हो गया है, यदि सभी ग्राम पंचायतों की जांच की गयी तो करोड़ों रुपये का घोटाला प्रकट होगा। जांच समिति को सैकड़ों की संख्या में फर्जी जॉबकार्ड मिले हैं जिनमें मनरेगा मजदूरी का रुपये डालकर घोटाला किया गया है। नियमानुसार एक परिवार के नाम एक जॉब कार्ड पर ही उस परिवार के सदस्यों के नाम अंकित किए जाते हैं लेकिन यहां पर सभी को अलग अलग जॉब कार्ड बनाकर धनराशि ट्रांसफर की गयी है । जांच समिति अध्यक्ष मनरेगा उपायुक्त शौकत अली ने बताया कि धनराशि के गबन के लिए षड्यंत्र पूर्ण तरीके से जॉब कार्ड बनाए गए थे, एक परिवार में कई-कई जॉब कार्ड निर्गत किए गए थे।


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