शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

गेहूं का उन्नत बीज,120 दिन में ज्यादा फसल

करनाल। हरियाणा सहित उत्तर-पूर्वी भारत के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के करनाल स्थित गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान केंद्र ने गेहूं की एक नई किस्म 'करन वन्दना' पेश की है। गेहूं की ये नई किस्म रोग प्रतिरोधी क्षमता रखने के साथ-साथ ज्यादा उपज देने वाली भी है।


ब्लास्ट' नाम की बीमारी से लड़ने में सक्षम


कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गेहूं की ये किस्म उत्तर-पूर्वी भारत के गंगा तटीय क्षेत्र के लिए ज्यादा लाभकारी है। गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान केंद्र ने सालों तक रिसर्च करने के बाद गेहूं की इस किस्म को विकसित किया है। 'करन वन्दना' ज्यादा पैदावार देने के साथ ही गेहूं 'ब्लास्ट' नाम की बीमारी से भी लड़ने में सक्षम है।


9.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ज्यादा होगी पैदावार


संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 'करन वन्दना' हरियाणा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम जैसे कृषि भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु में खेती के लिए उपयुक्त है। उनके मुताबिक जहां गेहूं की दूसरी किस्मों से औसत उपज 55 क्विन्टल प्रति हेक्टेयर तक हासिल की जाती है। वहीं 'करन वन्दना' से 65 क्विन्टल प्रति हेक्टेयर से भी ज्यादा की पैदावार हासिल की जा सकती है। डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस नई किस्म के गेहूं की बुवाई के बाद फसल की बालियां 77 दिनों में निकल आती हैं और कुल मिलाकर फसल 120 दिनों में ये पूरी तरह से तैयार हो जाती है।


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