शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

47000 वर्ग किमी जंगल जलकर खाक

धरती के फेफड़ों पर पड़ेगा दुष्प्रभाव


अमेजन। तीन हफ्ते से अमेजन नदी घाटी में फैले वर्षा वन जल रहे हैं। अब तक 47 हजार वर्ग किमी जंगल खाक हो चुके हैं। यह आंकड़ा कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इससे लगाएं कि भारत के सभी 110 नेशनल पार्क करीब 41 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में हैं। करीब 55 लाख वर्ग किमी के अमेजन के जंगल 'धरती के फेफड़े' कहे जाते हैं। यहां से दुनिया की जरूरत की 20 प्रतिशत ऑक्सीजन मिलती है। दूसरी ओर आग के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो पर्यावरण संरक्षण के लिए काम रहे एनजीओ पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं, पर्यावरणविद राष्ट्रपति की नीतियों को दोषी ठहरा रहे हैं।


ब्राजील की राष्ट्रीय अंतरिक्ष शोध संस्था (आईएनपीई) के अनुसार जनवरी से अब तक इन जंगलों में आग लगने के 74 हजार से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। जबकि पूरे 2018 में 39 हजार मामले आए थे। आग का कहर पूरे देश पर दिख रहा है। जंगल से करीब 3200 किमी दूर स्थित देश की राजधानी साओ पाउलो में भी दिन के समय सूर्य नहीं दिख रहा। धुएं की वजह से अंधेरा छाया रहता है। हालत यह है कि दोपहर तीन-चार बजे लोग वाहनों के हैडलैंप और घरों में बल्ब जलाकर काम चला रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि आसमान में करीब 45 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में धुआं पसरा है। आग इतनी भयंकर है कि विभिन्न उपग्रहों से जंगलों से धुआं उठता नजर आ रहा है।


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