जिस गजेन्द्र सिंह रलावता को आयुक्त ने चार्जशीट थमाई, अब वही अजमेर नगर निगम के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी हैं। आयुक्त भी कर रही है प्रशंसा, तो फिर मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का क्या दोष है?
अजमेर ! दो माह पहले ऐसी छवि बनाई गई कि अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और नगर निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता ने मिल कर अजमेर को लूट लिया। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद भाजपा के मेयर गहलोत को निलंबित करने की कार्यवाही भी शुरू हो गई। आरोपों के चलते ही निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने रलावता को चार्जशीट भी थमा दी। माना जा रहा था कि रलावता को सस्पेंड किया जाएगा। लेकिन अब वही रलावता निगम के सबसे जिम्मेदार और खास अफरसर हो गए हैं। बदली हुई परिस्थितियों में आयुक्त चिन्मयी भी सबसे ज्यादा भरोसा रलावता पर ही करती हैं। 20 जुलाई को निगम ने जब पहली आॅन लाइन नक्शे स्वीकृत किए तब मीडिया के सामने आयुक्त चिन्मयी ने इस काम का श्रेय रलावता को ही दिया। इतना ही नहीं आयुक्त ने रलावता को अपने साथ खड़ा कर नक्शों का वितरण किया। 21 जुलाई को अखबारों में आयुक्त और रलावता के फोटो ही प्रकाशित हुए हैं। यानि जो रलवता कल तक मेयर के विश्वास पात्र थे, आज वो ही रलावता आयुक्त के सबसे भरोसे के अफसर हैं। आॅन लाइन नक्शों के समारोह में भले ही मेयर को नहीं बुलाया गया लेकिन रलावता तो उपस्थित रहे। पिछले दिनों निगम के वार्डों के परिसीमन का कार्य भी रलावता को ही दिया गया। सवाल उठता है कि जब रलावता निगम के इतने जिम्मेदार अफसर हैं तो मेयर गहलोत के फैसलों पर आपत्ति क्यों दर्ज करवाई जा रही है? भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मेयर को क्यों कटघरे में खड़ा किया जा रहा है? जबकि मेयर गहलोत के इशारे पर जो भी आदेश जारी हुए, उन पर रलावता के ही हस्ताक्षर हैं। चाहे बहुचर्चित 13 काॅमर्शियल नक्शों का मामला या फिर किसी ठेके की अवधि बढ़ाने का निर्णय। अब यदि आयुक्त सुश्री चिन्मयी अपने उपायुक्त रलावता को काबिल अफसर मान कर प्रशंसा कर रही हैं तो मेयर को भी आरोपों से मुक्त किया जाना चाहिए। ऐसा कैसे हो सकता है कि रलवता रातों रात दूध के धुले हो जाएं और मेयर कोयले की कोठरी में ही बैठे रहें। रलावता के माध्यम से अजमेर नगर निगम के हालातों को आसानी से समझा जा सकता है। इतना जरूर है कि उपायुक्त रलावता सद्व्यवहार वाले अधिकारी हैं। उनकी मिलनसारिता के सभी लोग कायल हैं। कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में भी रलावता का मान सम्मान हैं। रलावता के बढ़ते महत्व से मेयर गहलोत भी उत्साहित हैं, क्योंकि अब गहलोत स्वयं को भी पाक साफ बता सकेंगे।
एस.पी.मित्तल
रविवार, 21 जुलाई 2019
उपायुक्त और मेयर ने नगर निगम को लूटा
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