मंगलवार, 30 जुलाई 2019

पुलिस कप्तान की लाजवाब कार्यशैली

मधुकर कहिन
पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप की कार्यशैली से खुश किन्नरों ने नम आंखों से दी दुआएं


लाजवाब कार्यशैली का वैसे भी पूरा शहर मानने लगा है लोहा 


नरेश राघानी


अजमेर ! बुजुर्ग कहते हैं कि जिनको किन्नरों की दुआ लगे उसे कभी न बुरी हवा लगे। एक किन्नर यदि किसी को भी एक बार दिल से दुआ दे देता है, उस व्यक्ति की समझो पौ बारह होना तय है। आज सुबह कलेक्ट्री पहुंचने पर जब मैंने गाड़ी खड़ी की , तो मेरे रिपोर्टर भरत के साथ एक सुशीला नामक किन्नर खड़ा था। जो कि पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप को दिल से दुआएं दे रहा था । जब वह भाव विभोर आंखों में आसूं लिए मीडियाकर्मियों के समक्ष पुलिस कप्तान को दुआएं दे रहा था तो मेरे मन में भी जिज्ञासा उत्पन्न हुई। मैंने सुशीला से बात की सुशीला ने बताया कि - बोराणा क्षेत्र में किसी व्यक्ति ने सुशीला के साथ ₹30000 की लूट की है। जिसको लेकर सुशीला ने थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। थाने ने प्रभाव में आकर उस एफ आई आर पर फाइनल रिपोर्ट बना कर उस लूट के आरोपी के पक्ष कोर्ट में पेश कर दी। तब आरोपी अपने आप को बहुत सक्षम बता कर सुशीला और उसके साथियों को अक्सर यह कहकर धमकाता रहा की , पुष्कर विधायक सुरेश रावत मेरे मित्र हैं । और मेरे पास बचाने के लिए सैकड़ों वकील है। फिर तुम किन्नर हो, तुम्हारी कौन सुनेगा ? 


जब सुशीला के साथ उसके साथी किन्नरों ने इस फाइनल रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अपनी बात मजिस्ट्रेट के सामने कहीं। तो मजिस्ट्रेट ने आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश 5 दिन पहले पारित कर दिए है। 5 दिन गुजर जाने पर भी जब आरोपी पर कोई कार्यवाही बोराडा थाने ने नहीं की तब आज थाने की शिकायत लेकर सुशीला अपने साथियों समेत कुंवर राष्ट्रदीप से मिली । सुशीला ने बताया कि पुलिस कप्तान ने बहुत ही गंभीरता से उनकी बात सुनी, और बोराडा थाना अधिकारी को उनके सामने फोन लगाया, और उसे इस बात पर बुरी तरह से फटकारा । यह भी पूछा कि कोर्ट का आदेश हो जाने के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई है ? तुरंत कार्रवाई की जाए ....
जिस पर सुशीला बहुत प्रसन्न हुई और बाहर आकर पूरे कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी होकर कुंवर राष्ट्रदीप को दुआएं देने लगी। सुशीला जब यह बात मुझे बता रही थी तो उसकी आँखों में आँसू थे। मैंने उस से कहा कि आपकी ये दुआएं एसपी साहब तक मैं पहुंचा देता हूँ। जब सुशीला ने देखा कि मैंने उनकी बात इत्मीनान से सुनी। तो मुझसे बोली की नरेश भैया !!! आप भले इंसान लगते हो । वरना कौन किसकी बात इतना ध्यान से सुनकर लोगों तक पहुंचाता है । सुशीला ने अपने पर्स में से निकाल कर ₹100 मुझे आशीर्वाद स्वरूप दिए। जब मैंने इसका विरोध किया तो उसने कहा - किन्नरों को लोग अपने हाथ से खर्ची देते हैं । इसे पैसा नहीं मेरा आशीर्वाद समझ के अपनी जेब में रख लो एक बड़ी बहन की दुआ है ।* उसके इतना आग्रह करने पर मैं उसे मना नहीं कर पाया। और उसने अपने हाथ से मेरी जेब में ₹100 डाल दिए । सुशीला के जाने के बाद मेरा सहयोगी भरत मुझसे बोला - भैया !!! आप बहुत किस्मत वाले हो की एक किन्नर ने आपको दुआ दे कर खर्ची हाथ में रखी है। इस पैसे को खर्च मत करना और संभाल कर रखना।
अब मैं ठहरा साफ दिल आदमी और जब 100 रुपये आशीर्वाद स्वरूप सही , मुझे मिले हैं तो मैंने सोचा, कि मैं इस ब्लॉग के माध्यम से एसपी साहब को यह बता दूं, कि आपके किए हुए अच्छे काम से खुश होकर जिसने मुझे आशीर्वाद स्वरूप ₹100 दिए हैं । उसका काम जरूर पूरा करवाएं । ताकि आपको जीवन भर ऐसे लोगों का आशीर्वाद मिलता रहे । और आप हमारे बीच में सदा यूँ ही बनी रहे ताकि लोगों का भला होता रहे।
वैसे भी जिस तरह से कुंवर राष्ट्रदीप ने पिछले कुछ महीनों में खुलासे पर खुलासे किए हैं । जिसमें विशेष तौर से सिंधी समुदाय के मनीष मूलचंदानी हत्याकांड को उन्होंने सुलझाया है। विभिन्न जगहों पर छापामार कार्रवाई कर के शहर में अपराध जगत के जहन में डर की छाप छोड़ी है। उसके लिए वाकई कुंवर राष्ट्रदीप इन दुआओं और बधाई के हक़दार भी हैं।


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