शनिवार, 22 जून 2019

बिजली विभाग की एक और लापरवाही

 


आपसी रंजिश बता धारा -186 के दोषी व्यक्ति पर कार्यवाही करने से बिजली विभाग ने किया इंकार



 गाजियाबाद,लोनी ! योगी सरकार में एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री अधिकारियों को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को निराकरण कराने का आदेश जारी करते नजर आते हैं ! वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग अधिकारी अपनी कमियों में सुधार न करते हुए माननीय मुख्यमंत्री के आदेशों को नकारते हुए योगी सरकार की छवि धुमिल करने में लगे हुए हैं!


हम आपको बता दें उपभोक्ता ने अपना बिजली केबल नजदीकी पॉल पर बदलवाना था ! जिसको लगाने के लिए विधुत विभाग अधिकारी उपभोक्ता को चार महीने तक गुमराह करते रहे ! एक अॉडियो क्लिप वायरल होने पर विभाग कर्मचारियों द्वारा मजबूरन उपभोक्ता का कार्य करना पड़ा था!


अॉडियो क्लिप के आधार पर उपभोक्ता द्वारा कई महीनों से बार-बार तहसील दिवस, माननीय विधायक , माननीय सांसद , अधिशासी अभियंता अनिल कुमार कपिल ,जिला अधिकारी, विधुत विभाग के प्रबंध निदेशक आशुतोष निरंजन , उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार और माननीय प्रधानमंत्री  को गुहार लगाकार आरोपी व्यक्ति पर धारा 186/504 के तहत कानूनी कार्यवाही अथवा आरोपी व्यक्ति का नाम जानने का प्रयास किया जा रहा हैं!
अधिकारियों द्वारा दिनांक 26 फरवरी को प्राप्त आख्या में लिखा गया था,कि आपके कार्य को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा रोका गया है ! अब 18 जून को प्राप्त दूसरी आख्या में अधिशासी अभियंता अनिल कुमार,कपिल द्वारा दोषी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई के नाम पर लिखा है कि उपभोक्ता की आपसी रंजिश !
अधिकारियों से उपभोक्ता ने यह जानने की इच्छा जाहिर की है ! उपभोक्ता की किन लोगों से रंजिश है? जिनके द्वारा उपभोक्ता का कार्य अधिकारियों को चार महीनों तक रोकना पड़ा था! एक तरफ विभाग अधिकारी कार्य रोकने वाले को अज्ञात बता रहे हैं! वही दूसरी ओर 18 जून की आख्या में उपभोक्ता की आपसी रंजिश बताई जा रही है! देखना होगा कि योगी सरकार में सरकारी कार्य में बाधा डालने वाले प्रभावशाली व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही कराने में विभागीय अधिकारी, शासन, प्रशासन,ओर माननीय सफल हो पाते हैं या नहीं? अधिकारियों द्वारा झूठी आख्या को लेकर उनकी कार्य शैली पर सवाल उठ रहे हैं! उपभोक्ता अपने शिकायती पत्र में बार-बार लिख रहे हैं! उपभोक्ता के कार्य को जब किसी व्यक्ति द्वारा रोका जा रहा था ! उपभोक्ता से यह जानकारी चार महीनों तक क्यो छिपाई जाती रही हैं ?
इसके साथ साथ उपभोक्ता की आधा दर्जन शिकायतों पर अधिकारियों द्वारा झूठी आख्या बनाने की जरूरत क्यो पड़ती है ?
अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई शिकायत सं 30102819000350 दूसरी आख्या मिलने पर प्रकरण ने एक नया मोड़ ले लिया है! जिससे यह सिद्ध होता है !उपभोक्ता की अगर किसी से आपसी रंजिश है, तो उपभोक्ता के कार्य को विधुत विभाग अधिकारी नहीं करेंगें ! कार्य रोके जाने की जानकारी उपभोक्ता को नहीं दी जायेगी! इस प्रकरण में उपभोक्ता को यह जानकारी तो मिली है! कार्य उपभोक्ता का कार्य रोकने वाला व्यक्ति प्रभावशाली व्यक्ति दलाल के रूप में है ! अब देखना होगा प्रभावशाली व्यक्ति पर अधिकारी, माननीय ,शासन प्रशासन, पीएमओ कोई कानूनी कार्यवाही करा पायेंगे ! 


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