मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

स्वतंत्र विचार रखने का हक

 


"चुनाव तो आएंगे और चले भी जाएंगे। सभी को मतदान करने का हक़ है। अपनी पसंद की पार्टी को वोट देने का हक है। पर *अपनी पसंद दूसरों पर थोपने का नहीं*।" राजनैतिक पार्टियां अपना प्रचार खुद कर लेंगी अनावश्यक बहसबाजी में पड़कर आप अपने अच्छे दोस्त को खो सकते हैं। *ज़रूरी नहीं जो आपकी राजनैतिक पसंद है आपके सभी जानने वाले भी उसी ही पसंद करें*। हम एक स्वतन्त्र देश के स्वतन्त्र नागरिक है। सबको अपने स्वतंत्र विचार रखने का पूरा हक है।


*सोचिये नेता पार्टी बदलते हैं तो क्या वो आपकी तरह एक दूसरे को दुश्मन समझते हैं क्या...? नहीं ना... क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि ये सब सत्ता के लिए है, कल फिर हो सकता है वापस उसी पार्टी में जाना पड़े.... तो जिन लोगों के लिए आप लड़ रहे हैं वो ही आपके सगे नहीं हैं... विचार कीजिये...*


*अनावश्यक राजनैतिक बहसों से बचिए। "रिश्तों में कड़वाहट आयी तो वो वापस नहीं जायेगी"*।


और हाँ वोट जरूर डाले !universalexpress.page


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