मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

निगेहबान बड़े बेईमान

कबिरा खड़ा बाजार में,
मांगे सबका न्याय !
बेली संस्कृत पाठशाला रायबरेली की हत्या
भाग-2
निगहबान ! बड़े बेईमान !
रायबरेली !भाग-1में अवगत कराया जा चुका है कि बेली संस्कृत पाठशाला की लगभग 500 करोड़ की 12 बीघा भूमि पर रायबरेली के शिक्षा व भू- माफिया रमेश बहादुर सिंह प्रबंधक एसजेएस द्वारा जालसाजी व धोखाधड़ी से कब्जा करके सन् 1906 में अंग्रेज कलेक्टर सर बेली डंक्शन द्वारा स्थापित व सन् 1952 से लगातार राज्यानुदानित बेली संस्कृत पाठशाला रायबरेली को बन्द कराकर उसकी भूमि एवं भवन पर अवैधानिक कब्जा करके उसपर एसजेएस पब्लिक स्कूल चलाया जा रहा है, जिसकी शिकायत पाजा फाउन्डेशन के महासचिव ने मा0 मुख्यमंत्री जी से की थी। संदर्भ संख्या-एम-1/आरपीओ 63247590 द्वारा जिलाधिकारी रायबरेली को जांच व कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था तथा उन्होंने जांच आदेश संख्या 535 दिनांक 23.01.2019 पुलिस अधीक्षक रायबरेली को जारी करके 7 दिनों में जांच एवं कार्यवाही करके शिकायतकर्ता व कार्यालय को अवगत कराने का निर्देश दिया था, जिसकी जांच सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी कर रहे थे, किन्तु 4 महीने से अधिक हो गया है, भ्रष्टाचार की दलदल में नाक तक डूबे गोपीनाथ सोनी ने अद्यतन न जांच की और न कोई कार्यवाही, जबकि उनके द्वारा मांगे गए साक्ष्य दिनांक 29.01.2019 को 215 पृष्ठीय साक्ष्य दिये जा चुके हैं। इसके पूर्व उप शिक्षा निदेशक उ0प्र0 ने पत्रांक/नियोजन/7838-47/ 84-85 दि0-01.08.84 जारी करके स्पष्ट आदेश दिया था कि बेली संस्कृत पाठशाला को राज्यानुदान दिया जाता है। संस्कृत पाठशाला के भवन में अन्य कोई विद्यालय संचालित नहीं किया जा सकता है। पाठशाला भवन में संचालित स्वामी जानकी शरण मेमो0 पब्लिक स्कूल को हटाने व आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे, जिन्हें भी दबाकर कोई कार्यवाही नही की गई। संज्ञान में आया है कि रायबरेली में अखबारी गुंडा के रूप में चर्चित हिन्दुस्तान अखबार के पत्रकार एवं मीडिया मैनेजर गौरव अवस्थी उर्फ़ आशीष अवस्थी पाठशाला की सम्पत्ति भूमि व भवन में रमेश बहादुर सिंह से अपना हिस्सा तय करके अखबारी ताकत के बल पर जांच अधिकारी को मोटी रिश्वत दिलाकर जांच को दबवा दिया है तथा रमेश बहादुर सिंह के एसजेएस पब्लिक स्कूल केलौली के उद्घाटन समारोह में उक्त जांच अधिकारी को सम्मानित व उपकृत भी कराया है। उक्त फोटो नीचे पोस्ट है। आश्चर्य तो यह है कि इसी फोटो में इस रिश्वत खोर व महाभ्रष्ट पत्रकार गौरव अवस्थी एवं शिक्षा व भू-माफिया के साथ डा0 राजेश कुमार प्रजापति एडीएम एफआर अपनी समाजसेवी पत्नी व बेटे के साथ खड़े हैं, जो प्रशासनिक सेवा आचरण नियमावली के विपरीत है, साथ ही जांच को दबवाने की साजिश़ में सहयोग किया है, जिसकी शिकायत जिलाधिकारी महोदय से करके न्याय हित में जांच अधिकारी बदलने का अनुरोध पाजा फाउन्डेशन द्वारा किया गया है। सबसे बढ़ा ज्वलंत प्रश्न यह है कि अखबार की साधारण सी नौकरी करने वाले और किराये की कोठरी से जिन्दगी शुरू करने वाले गौरव अवस्थी के पास करोड़ों की अकूत संपत्ति कहां से आई, रियल एस्टेट के करोड़ों के कारोबार में लगी इनकी डारेक्टर पत्नी की नव महाबली इन्फ्राटेक कं0 की 10लाख की कैपिटल पूंजी कहां से आयी ? इसका विवरण अगले भाग में लिखा जाएगा।
विप्लव गायन गाना होगा,
सुख स्वर्ग तुम्हें लाना होगा ।
अपने ही पौरुष के बल पर,
जर्जर आंहो के क्रन्दन में।
विद्रोह करो, संघर्ष करो, बलिदान करो,
निर्माण करो ----
देहि यही वर मोहि शिवा,
शुभ करमन से कबहूं न टरूं ।
बृजेन्द्र  शरण श्रीवास्तव "गाँधी"
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