मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

ऐतिहासिक धरोहर उपेक्षा की शिकार

ऐतिहासिक धरोहर उपेक्षा की शिकार


सहारनपुर! जब भी देश की शान ताजमहल का वाक्या कहीं पर शुरू होता है, जो दुनिया के अजूबों में से एक है, शाहजहां के बिना कभी पूरा नहीं होता। मुग़ल सम्राट शाहजहां, इस आलीशान और महान रचना के जन्मदाता एक महान सम्राट के रूप में प्रसिद्द थे। वे अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। लेकिन वे केवल इसके लिए ही नहीं जाने जाते थे, वे एक बहुत बड़े आशिक़ और शिकारी के तौर पर भी पहचाने जाते हैं, जिन्होंने अपनी प्रेमिका और पत्नी, मुमताज़ महल की याद में दुनिया की सबसे भव्य और खूबसूरत रचना का निर्माण करवाया, जो देश-विदेश में प्रेम के प्रतीक के रूप में सर्वाधिक लोकप्रिय है वहीं उन्होंने अपने शिकार के शौक के कारण देश में कई जगह शिकारगाहो का निर्माण कराया । इन्ही शिकारगाहो में एक शिकारगाह उत्तरप्रदेश के अंतिम जिले और लोकसभा सीट नम्बर एक सहारनपुर में उत्तरप्रदेश हरियाणा की सीमा पर हथनी कुंड बैराज से दो - तीन किलोमीटर उत्तर दिशा में बनी हुई हैं जो की पुरात्व विभाग की अनदेखी की वजह से उपेक्षित पड़ी है । युवा जागृति सेवा समिति अध्यक्ष अली अमजद के नेतृत्व में रिहान अली प्रदेश सचिव , महामंत्री प्यार हुसैन , विधानसभा सचिव अदनान मास्टर , एवं राकीम हरूफ आस मौहम्मद आशु ने दौरा कर यथा स्थिति को जाकर देखा । एक बेहतरीन सुशान्त और पर्यावरण के अनुकूल क्षेत्र में बनी ये शिकारगाह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की लिस्ट में होने के बाद भी शराबियों , नशेड़ियों का अड्डा बनी हुई है । बादशाह शाहजहां जो कि हिंदुस्तान के तख्त पर 1628 में गद्दीनशीं होने के बाद 30 साल तक हुक्मरां रहे । शाहजहां ने अपने दौरे हुक्मरानी में हिंदुस्तान को बेहतरीन और शानदार इमारतो का तोहफा देकर विश्व के नक्से पर अलग मुकाम अता फरमाया , शाहजहां ने जहां यमुना किनारे ताजमहल (आगरा) , लाल किला (दिल्ली) , बनाया वहीं इसी यमुना नदी के किनारे इस शानदार इमारत का निर्माण कराया जो की अपने दिलकश अंदाज मजबूत निर्माण और अनोखे आर्किटेक्चर के कारण विश्व में अलग मुकाम बनाकर क्षेत्र का नाम अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर चमका सकती हैं । युवा जागृति का एक डेलिगेशन जल्द ही इस ऐतिहासिक धरोहर के उचित रखरखाव और इसको पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से सम्पर्क करेगा । ऐसे ऐतिहासिक स्थल जो की आपके बेहट क्षेत्र में स्थित है और उपेक्षा के शिकार हैं उनकी जानकारी युवा जागृति श्रंखलाबध तरीक़े से आपके सामना लाता रहेगा , तो आप भी इस ऐतिहासिक धरोहर का दीदार करने एक बार अवश्य जाए , आपके पास भी कोई ऐतिहासिक महत्व की जानकारी हो तो उसे युवा जागृति से शेयर करें ताकि उसके लिए भी उचित प्रयास किया जा सके । युवा जागृति सेवा समिति के साथियों को स्पेशल शुक्रिया जिनमे अध्यक्ष अली अमजद पीर , रिहान अली , प्यार हुसैन , मास्टर अदनान शाहबुद्दीनपुर का योगदान सराहनीय रहा ।
लेखक : आस मौहम्मद आशु "


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